सरपंच हत्या मामले के आरोपी कराड का ‘एनकाउंटर’ करने की पेशकश हुई थी: निलंबित पुलिसकर्मी

सरपंच हत्या मामले के आरोपी कराड का ‘एनकाउंटर’ करने की पेशकश हुई थी: निलंबित पुलिसकर्मी

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  • Publish Date - April 14, 2025 / 06:08 PM IST,
    Updated On - April 14, 2025 / 06:08 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 14 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में पुलिस के एक निलंबित उपनिरीक्षक ने सोमवार को दावा किया कि कुछ लोगों ने उसे सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के आरोपी वाल्मिक कराड को ‘‘मुठभेड़’’ में ढेर करने की पेशकश की थी।

निलंबित पुलिसकर्मी रंजीत कासले ने यह भी बताया कि उसने स्थानीय थाने की डायरी में उन लोगों के नाम भी दर्ज किए हैं, जिन्होंने उसे ऐसा करने के लिए कहा था।

हालांकि, बीड में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कासले के दावों को निराधार बताते हुए कहा कि उसे अपने बयानों का सबूत पेश करना चाहिए।

कासले को पहले स्थानीय साइबर अपराध विभाग में उप-निरीक्षक के तौर पर तैनाती के समय ही निलंबित कर दिया गया था।

महाराष्ट्र के बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच देशमुख की पिछले वर्ष नौ दिसंबर को अगवा कर बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी।

कराड उन आठ लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अब तक इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और सभी पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कासले ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत के दौरान दावा किया कि कुछ लोगों ने उससे कराड को ‘‘मुठभेड़’’ में ढेर करने के लिए रुपये की पेशकश की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कुछ लोगों ने ऐसा करने (मुठभेड़) का प्रस्ताव दिया था और मैंने स्टेशन डायरी में उनके नाम का उल्लेख किया है। यह प्रस्ताव सिर्फ वाल्मिक कराड के लिए था और मुझे निलंबित किए जाने से पहले दिया गया था। (लेकिन) मैंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं ऐसा पाप नहीं कर सकता।”

कासले ने दावा किया, “उनलोगों ने 10, 20, 50 करोड़ रुपये की एकमुश्त रकम देने का लालच दिया। मैं साइबर विभाग में था और इस मामले से मेरा कोई संबंध नहीं था, लेकिन मुझे यह प्रस्ताव दिया गया, क्योंकि उन्हें पता था कि मुझमें हिम्मत है।”

कासले ने बदलापुर में दो बच्ची से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत का जिक्र करते हुए बताया कि बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित एसआईटी (विशेष जांच दल) केंद्र सरकार की होनी चाहिए, तभी सच्चाई सामने आएगी।

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश