न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार को भूखंड मालिकों को 70 लाख रुपये का मुआवज़ा देने को कहा

न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार को भूखंड मालिकों को 70 लाख रुपये का मुआवज़ा देने को कहा

न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार को भूखंड मालिकों को 70 लाख रुपये का मुआवज़ा देने को कहा
Modified Date: March 25, 2025 / 12:04 am IST
Published Date: March 25, 2025 12:04 am IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) करीब 30 साल की कानूनी लड़ाई के बाद, सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से निजी भूखंड मालिकों के एक समूह को कुरनूल जिले में 3.34 एकड़ से अधिक भूखंड से बेदखल करने के एवज में 70 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा।

न्यायालय ने कहा कि ‘‘कानून का उद्देश्य न्याय को आगे बढ़ाना है।’’ शीर्ष अदालत ने भूमि विवादों में निजी व्यक्तियों द्वारा जारी कानूनी नोटिसों का जवाब देने में राज्य प्राधिकारियों के ढीले ढाले रवैये की आलोचना की।

अदालत ने कहा कि वह राज्य प्राधिकारियों को अपीलकर्ताओं को भूखंड पर पुनः कब्जा दिलाने का निर्देश दे सकती थी, लेकिन ऐसा आदेश पारित करने में बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि निर्माण कार्य 30 वर्ष पहले पूरा हो चुका था।

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न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सार्वजनिक प्राधिकारियों को उन्हें जारी किए गए वैधानिक नोटिस को पूरी गंभीरता से लेना चाहिए। सार्वजनिक प्राधिकारियों को ऐसे नोटिसों को दबाकर नहीं बैठना चाहिए और नागरिकों को मुकदमेबाजी के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।’

यह निर्णय येरीकला सुंकलम्मा और अन्य (अपीलकर्ताओं) तथा आंध्र प्रदेश राज्य के बीच लंबे समय से जारी भूमि विवाद पर आया।

अपीलकर्ताओं ने दावा किया कि 1995 में राज्य प्राधिकारियों द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें उनके भूखंड से अवैध रूप से बेदखल कर दिया गया था।

भाषा आशीष रंजन

रंजन

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