नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह चांदनी चौक के इलाकों में एक टीम तैनात करें, जो प्रतिबंध के बावजूद अवैध निर्माण कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ को बताया गया कि चांदनी चौक के फतेहपुरी इलाके में व्यावसायिक परिसरों के निर्माण और आवासीय भवनों को गिराने पर उच्चतम न्यायालय की रोक के आदेश के बावजूद अनधिकृत निर्माण किया जा रहा है।
पीठ ने कहा, ‘‘यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि हमारे स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अनधिकृत संरचनाओं का निर्माण चल रहा है और हमारे निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है… तदनुसार हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे क्षेत्र में एक टीम तैनात करें, जो उन स्थलों का निरीक्षण करे, जहां अभी भी निर्माण कार्य जारी है और उनके खिलाफ वैध कार्रवाई करें।’’
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जानना चाहा कि उसने क्षेत्र में बचे हुए निर्माणों के अलावा अनधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए क्या कार्रवाई की है।
एमसीडी के वकील ने कहा कि 13 मई के प्रतिबंध के आदेश के कारण वैध निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा है, जिसके लिए नगर निगम से मंजूरी लेनी पड़ती है।
पीठ ने हालांकि आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि यह किसी एक विशेष क्षेत्र के बारे में नहीं, बल्कि चांदनी चौक के पूरे क्षेत्र के बारे में है।
उच्चतम न्यायालय ने 13 मई को निर्देश दिया था कि संबंधित क्षेत्रों में आवासीय परिसरों से लेकर वाणिज्यिक परिसरों के निर्माण पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता और मामले में हस्तक्षेप करने वालों को उन स्थलों की वीडियो रिकार्डिंग या फोटोग्राफ लेने की भी अनुमति दे दी, जहां अवैध निर्माण गतिविधियां जारी थीं।
भाषा देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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