न्यायालय ने पीआईबी की ‘फैक्ट चैक’ इकाई स्थापित करने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाई |

न्यायालय ने पीआईबी की ‘फैक्ट चैक’ इकाई स्थापित करने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाई

न्यायालय ने पीआईबी की ‘फैक्ट चैक’ इकाई स्थापित करने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाई

:   Modified Date:  March 21, 2024 / 01:54 PM IST, Published Date : March 21, 2024/1:54 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार के बारे में फर्जी खबरों का पता लगाने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के तहत ‘फैक्ट चैक’ (तथ्यों की जांच करने वाली) इकाई बनाने को लेकर जारी केंद्र की अधिसूचना पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत 20 मार्च को ‘फैक्ट चैक’ इकाई (एफसीयू) के लिए अधिसूचना जारी की थी।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को रद्द कर दिया, जिसने केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और गलत सामग्री की पहचान करने के लिए संशोधित आईटी नियमों के तहत एफसीयू की स्थापना पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारी सुविचारित राय है कि उच्च न्यायालय के समक्ष जो प्रश्न हैं वे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के मूल प्रश्नों से संबंधित हैं।’’

पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय है कि अंतरिम राहत का अनुरोध खारिज होने के बाद 20 मार्च, 2024 को जारी अधिसूचना पर रोक लगाने की जरूरत है। अनुच्छेद 3 (1) (बी) (5) की वैधता को चुनौती में गंभीर संवैधानिक प्रश्न शामिल हैं और उच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्र वाक और अभिव्यक्ति पर नियमों के प्रभाव का विश्लेषण करना जरूरी था।’’

सरकार की अधिसूचना के अनुसार एफसीयू केंद्र सरकार से संबंधित सभी फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं से निपटने या सचेत करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।

यह अधिसूचना बंबई उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र को इकाई की अधिसूचना जारी करने से रोकने से इनकार करने के कुछ दिन बाद आई है। याचिका ‘स्टैंड-अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ द्वारा दायर की गई थी।

पिछले साल अप्रैल में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नियम, 2023 लागू किए थे, जिनके माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में और संशोधन किया गया।

भाषा

वैभव नरेश

नरेश

 

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