नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालती आदेशों के तामील के लिए उप मंडलीय दंडाधिकारियों (एसडीएम) को संवेदनशील करने की जरूरत है और शहर की सरकार को उन्हें संपत्ति खाली कराने के तरीकों की जानकारी देने को कहा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि कई बार यह गौर किया गया है कि संपत्ति पर कब्जा और बरामदगी के लिए विभिन्न आदेशों को तेजी से क्रियान्वित नहीं किया गया, जिन्हें एसडीएम द्वारा लागू किया जाना था।
न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल एवं कल्याण अधिनियम, 2007 तथा अन्य विधानों के तहत एसडीएम को प्रदत्त शक्तियों के आलोक में, विभिन्न अदालती आदेशों के तामील के लिए एसडीएम को संवेदनशील बनाने की जरूरत है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालती आदेशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी एसडीएम की खातिर दिशानिर्देश के तौर पर दिल्ली सरकार मानक संचालन (एसओपी) प्रक्रिया जारी करे।
अदालत का यह आदेश उस विषय की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें 83 वर्षीय एक वरिष्ठ नागरिक को अदालती आदेश के बावजूद उसकी संपत्ति से वंचित कर दिया गया। व्यक्ति ने अपने मकान से अपनी पुत्रवधू को निकाले जाने का अदालत से अनुरोध किया था।
भाषा
सुभाष अविनाश
अविनाश
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