महाबोधि मंदिर में धमाके की साजिश नाकाम, हाईलेवल सुरक्षा पर सवाल

महाबोधि मंदिर में धमाके की साजिश नाकाम, हाईलेवल सुरक्षा पर सवाल

महाबोधि मंदिर में धमाके की साजिश नाकाम, हाईलेवल सुरक्षा पर सवाल
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: January 20, 2018 7:12 am IST

बोधगया। बिहार के विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थल बोधगया के महाबोधि मंदिर में बीती रात संदिग्ध सामान मिलने के बाद से हाईअलर्ट है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाबलों ने संदिग्ध सामान मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया। बताया जाता है कि दो बम भी यहां बरामद किए गए, जो शक्तिशाली थे। सबसे बड़ी बात ये है कि पहले से ही यहां उच्च स्तरीय सुरक्षा है और इन दिनों बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा भी बोधगया में ही ठहरे हुए हैं, ऐसे में यहां विस्फोटक की बरामदगी बड़ी साज़िश का हिस्सा बताया जा रहा है।

बताया जाता है कि सुरक्षा बलों ने जिन दो बमों को बरामद किया, उसे फल्गु नदी के किनारे जाकर बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया। हालांकि इस दौरान मीडिया को बम निरोधक दस्ते के साथ नहीं जाने दिया गया, इसलिए पुख्ता तौर पर फिलहाल ये जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है कि बम कितना शक्तिशाली था।

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आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा इन दिनों यहां कालचक्र पूजा में भाग लेने के लिए बोधगया में ठहरे हुए हैं। बिहार, देश और विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आए हुए हैं। बोधगया में महाबोधि मंदिर वो ऐतिहासिक स्थल है, जहां स्थित महाबोधि वृक्ष के नीचे बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध को ज्ञान मिला था। यहां विदेशी श्रद्धालुओं और सैलानियों की भी हमेशा अच्छी-खासी संख्या होती है, इसलिए विस्फोटक बरामद होने से सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है।

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बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बम बरामदगी से कुछ ही घंटे पहले महाबोधि मंदिर में आए थे। इस मंदिर परिसर में 2013 में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे और इसके बाद से यहां की सुरक्षा को काफी संवेदनशील मानते हुए विशेष इंतजाम किए गए थे। यही कारण है कि यहां मिले बम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद इतनी बड़ी साज़िश किसने और कैसे रची और यहां तक बम लेकर आए कैसे? सुरक्षा बलों और जांच एजेंसियों को इसी सवाल का जवाब तलाशना है।

 

वेब डेस्क, IBC24


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