जयपुर, 13 नवंबर (भाषा) सीकर जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि कई ऑनलाइन आवेदनों के चलते जिले में एक व्यक्ति को सात मतदाता पहचान पत्र जारी कर दिए गए।
प्रशासन की ओर से यह स्पष्टीकरण कांग्रेस के इस आरोप के बाद आया है कि निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के सीकर जिले के एक शख्स को सात मतदाता पहचान पत्र भेज दिए।
कांग्रेस ने दावा किया था कि यह भाजपा की ‘वोट चोरी व्यवस्था’ को दर्शाता है और उसने निर्वाचन आयोग तथा मोदी सरकार पर चुनाव प्रक्रिया को ‘हाईजैक’ करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, सीकर जिला प्रशासन ने कांग्रेस के बयान को भ्रामक बताया।
सीकर के जिला कलेक्टर की ओर से ‘एक्स’ पर आधिकारिक पोस्ट में कहा गया है,’यह बयान भ्रामक है। उक्त व्यक्ति ने मतदाता बनने के लिए सात बार फॉर्म-6 ऑनलाइन भर दिया जिससे उसके सात ‘एपिक’ कार्ड जारी हो गए।’
इसने कहा कि बूथ-स्तरीय अधिकारी ने फार्म की जांच के समय लापरवाही बरती जिसके लिए उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कलेक्टर ने कहा कि मतदाता से नाम हटवाने के लिए छह फॉर्म-7 भरवा लिए गए हैं।
प्रशासन ने कहा है, ‘विशेष गहन पुनरीक्षण मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण के लिए ही है। इसमें इस प्रकार की दोहरी प्रविष्टियां भी हटाई जानी हैं। उक्त मतदाता ने एसआईआर 2026 के दौरान केवल एक ही गणना प्रपत्र भरा है। अत: अब बनने वाली मतदाता सूची में उनका नाम केवल एक ही बार आएगा।’
इससे पहले, कांग्रेस ने इस बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भाजपा की ‘वोट चोरी व्यवस्था’… निर्वाचन आयोग (ईसी) ने राजस्थान के मेघराज पटवा के घर सात वोटर आईडी कार्ड भेज दिए, जिनमें सभी का एपिक नंबर अलग-अलग है।”
कांग्रेस ने कहा,”मेघराज ने वोटर आईडी के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद निर्वाचन आयोग की ये करतूत सामने आई है।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और निर्वाचन आयोग ने चुनाव की पूरा व्यवस्था ’हाईजैक’ कर ली है।”
भाषा पृथ्वी नोमान
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