Sex Toys Market: देश में तेजी से बढ़ रहा सेक्स टॉयज का कारोबार, इस महानगर के लोग तेजी से अपना रहे

Sex toys business: भारत में भले ही सेक्स ट्रॉयज आम लोगों की  पहुंच से दूर हैं। लोगों में इसके प्रति उदासीनता भी है। बहुत से लोग तो ये जानते ....

Sex Toys Market: देश में तेजी से बढ़ रहा सेक्स टॉयज का कारोबार, इस महानगर के लोग तेजी से अपना रहे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: August 1, 2022 10:52 pm IST

नई दिल्ली। Sex toys business: भारत में भले ही सेक्स ट्रॉयज आम लोगों की  पहुंच से दूर हैं। लोगों में इसके प्रति उदासीनता भी है। बहुत से लोग तो ये जानते भी नहीं है कि ये क्या होता है। भारत में सेक्स टॉयज पर लोग बात भी नहीं करते। लेकिन इनका कारोबार काफी फल-फूल रहा है। कुछ ई-कॉमर्स साइट्स के अनुसार, भारत में भी कुछ प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो सेक्स टॉयज, लुब्रिकेंट्स के बारे में जानते हैं। वे इनके बारे में इंटरनेट पर सर्च भी करते हैं।

सेक्सुअल वेलनेस प्रोडक्ट्स में सेक्स टॉयज, डिले स्प्रे और सेक्स एन्हांसमेंट सप्लीमेंट्स शामिल हैं। युवा कपल्स के बीच ये प्रोडक्ट्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। Allied Market Research की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सेक्सुअल वेलनेस मार्केट का आकार साल 2020 में 115 करोड़ डॉलर का था। इसके साल 2030 तक 209 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस तरह भारत में यह बाजार साल 2021 से 2030 के बीच 5.8 फीसदी CAGR से बढ़ सकता है।

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सेक्स के बारे में बात करना भारतीय समाज में अब भी टैबू माना जाता है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। कोरोना महामारी के समय लगाए गए लॉकडाउन के बाद से सेक्स टॉयज की बिक्री में काफी उछाल आया है। उस अवधि में देश में सेक्स टॉयज का बाजार 65 फीसदी बढ़ा था। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेक्सुअल वेलनेस मार्केट साल 2030 तक 209 करोड़ डॉलर का हो जाएगा। इस तरह इस मार्केट के 5.8 फीसदी सीएजीआर से बढ़ने की संभावना है।

महामारी के दौरान चीन में बने सेक्ट टॉयज की मांग दुनियाभर में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई थी। साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सेक्स टॉयज इंडस्ट्रीज को देश-विदेश से बड़ी संख्या में ऑर्डर मिल थे। बढ़ती मांग के कारण कंपनियों को कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी पड़ी थी। इस दौरान चीनी कंपनियों को फ्रांस, अमेरिका और इटली से सबसे अधिक ऑर्डर मिले थे। हालांकि, कंपनियों को खुद चीन से उतने ऑर्डर नहीं मिल रहे थे। इसका कारण है कि चीन की संस्कृति अधिक रूढ़िवादी है। ट्रेंड्स के मुताबिक सेक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री में भारत में महाराष्ट्र पहले स्थान पर रहा था। वहीं, बेंगलूरु दूसरे और नई दिल्ली तीसरे स्थान पर था।

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2030 तक 49.2 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार, व्यस्त रूटीन, तनाव, दवा, उम्र बढने की समस्याओं, हार्मोनल इश्यूज जैसे कई कारणों के चलते इन उत्पादों की बिक्री को बल मिलेगा। ड्रिस्ट्रीब्यूशन चैनल्स के आधार पर ऑनलाइन स्टोर सेगमेंट के 5.6 फीसदी की सीएजीआर से साल 2030 तक 49.2 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। प्रोडक्ट पर बात करें, तो लुब्रिकेंट और स्पे सेगमेंट के 5.3 फीसदी सीएजीआर की तेज रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। साल 2020 में पुरुषों का सेगमेंट 63.9 करोड़ डॉलर का रहा था। यह भारत के सेक्सुअल वेलनेस मार्केट का 55.4 फीसदी था।

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