कोलकाता, 31 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के तीन दिवसीय दौरे के दौरान तृणमलू कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ “घुसपैठ और भ्रष्टाचार” को मुद्दा बनाया और राज्य भाजपा के नेताओं को ठोस “कामकाज” सौंपकर पार्टी की प्रदेश इकाई को व्यवस्थित बनाने का प्रयास किया।
पहली बार, शाह ने अपने दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बंगाल इकाई से संपर्क कर संयुक्त चुनावी रणनीति पर समन्वय किया।
साथ ही, वह पिछले कुछ महीने से अलग-थलग माने जा रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को पार्टी के प्रचार अभियान के प्रमुख चेहरों में शामिल करते हुए फिर से आगे लेकर आए।
अपने प्रवास के दौरान शाह ने कम से कम पांच राजनीतिक बैठकों की अध्यक्षता की। इनमें स्थानीय आरएसएस नेताओं के साथ मंथन बैठक, कोलकाता और उसके उपनगरों के पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करना तथा एक प्रेस वार्ता शामिल थी, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की दिशा स्पष्ट की।
अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच शाह ने कोलकाता के एक काली मंदिर में पारंपरिक पूजा-अर्चना भी की।
मंगलवार को शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार चुनावी लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा देकर राज्य की जनसांख्यिकी को “खतरनाक रूप से बदल रही है” और व्यापक भ्रष्टाचार में लिप्त है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की खोई हुई गौरवशाली पहचान को बहाल करेगी और “15 अप्रैल 2026 के बाद, जब बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी राज्य के गौरव, संस्कृति व पुनर्जागरण की शुरुआत करेगी।”
उन्होंने कहा कि घुसपैठ ने राज्य के लोगों में असुरक्षा और चिंता की भावना पैदा कर दी है और यह एक “राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा” बन चुका है।
गृह मंत्री ने कहा कि “घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना” भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा।
शाह ने कहा कि भाजपा सरकार बंगाल में घुसपैठ समाप्त करने के लिए एक “मजबूत व सशक्त राष्ट्रीय ग्रिड” बनाएगी।
उन्होंने कहा, “इंसान छोड़ दीजिए, परिंदा भी पर नहीं मार पाए—इस प्रकार की मजबूत ग्रिड की रचना हम करेंगे।”
शाह ने कहा, “न केवल घुसपैठ रोकेंगे, बल्कि सभी घुसपैठियों को चुन-चुनकर भारत से बाहर निकालने का काम भी भाजपा की बंगाल सरकार करेगी।”
शाह ने 2026 के चुनाव में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत का अनुमान जताते हुए दावा किया कि बंगाल के लोगों ने “डर, भ्रष्टाचार, कुप्रशासन व घुसपैठ के माहौल” को समाप्त कर राज्य की विरासत, विकास और गरीबों के उत्थान का संकल्प लिया है।
भ्रष्टाचार और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर टीएमसी सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने डर और हिंसा की राजनीति में वाम दलों को भी पीछे छोड़ दिया है।
उन्होंने टीएमसी पर “सिंडिकेट राज” को संरक्षण देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और दावा किया कि पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व गिरावट आई और 7,000 से अधिक उद्योग राज्य से चले गए हैं।
उन्होंने कहा, “तृणमूल के शासन में राज्य अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है; अब और गिरने के लिए कोई जगह नहीं बची है।”
बुधवार को पार्टी सांसदों, विधायकों, नगर निकाय पार्षदों और संगठनात्मक पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में एक बैठक में शाह ने भाजपा ने निर्देश दिया कि वे चुनाव तैयारियों के तहत अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सप्ताह में कम से कम चार दिन बिताएं और प्रतिदिन कम से कम पांच नुक्कड़ सभाएं करें।
पार्टी के भीतर एकजुटता का आह्वान करते हुए शाह ने एक संयुक्त मोर्चे का संकेत दिया और यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष चुनावों में भाजपा के प्रमुख चेहरों में से एक होंगे।
पिछले कई महीने से भाजपा की गतिविधियों से दूर रहे घोष को भी बैठक में आमंत्रित किया गया, जिससे फिर से उनकी अहमियत बढ़ने का संकेत मिला।
बैठक स्थल से निकलते समय घोष ने संवाददाताओं से कहा, “मैं ज़्यादा कुछ नहीं कह सकता, लेकिन 2026 के चुनाव में आप एक सक्रिय घोष को देखेंगे। मुझे मेरे अनुभवों और विचारों को साझा करने के लिए बुलाया गया था।”
इसके तुरंत बाद, साइंस सिटी ऑडिटोरियम में कोलकाता के जमीनी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि घुसपैठ और भ्रष्टाचार के खतरे स्पष्ट हैं और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार के तहत इन्हें “संस्थागत रूप” मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि महानगर में रहने वाले लोग “लंबे समय तक इन बुराइयों के प्रभाव से अछूते नहीं रह पाएंगे।”
एक कार्यकर्ता ने शाह के हवाले से कहा, “दिल पर लिख लो, इस बार हमारी सरकार।”
शाह ने अपने दौरे के अंत में मध्य कोलकाता में स्थित थंथानिया काली मंदिर में पूजा-अर्चना की और इसके बाद दिल्ली रवाना होने के लिए हवाई अड्डे चले गए। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिन्हें शहर की पुलिस ने मंदिर परिसर से दूर रोक दिया।
भाषा जोहेब माधव
माधव