(तस्वीरों के साथ)
बेंगलुरु, 26 नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि उनके दूसरी बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने से कुछ लोगों के दिल जल रहे हैं।
संविधान दिवस पर यहां आंबेडकर भवन में लोगों को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री पद पर दो बार काबिज होने का अवसर देने का श्रेय भारतीय संविधान को दिया।
उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान के कारण ही मैं मुख्यमंत्री बना। इस संविधान के बिना ऐसा नहीं हो पाता।”
सिद्धरमैया ने कहा, “कुछ लोगों के दिल जल रहे हैं, क्योंकि मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना। वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। क्या किया जाए?”
उन्होंने कहा कि जब तक उनके पास जनता का समर्थन है, तब तक उनके पास झुकने का कोई कारण नहीं है।
सिद्धरमैया ने कहा, “मैं नहीं डरूंगा, क्योंकि आप मेरे साथ हैं। मैंने कई मौकों पर कहा है कि जब तक लोगों का आशीर्वाद मेरे साथ है, मैं झुकूंगा नहीं।”
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधा और संगठन को संविधान विरोधी करार दिया।
सिद्धरमैया ने कहा, “हमारे देश में संविधान विरोधी तत्व हैं। हमें इनसे सावधान रहना चाहिए। विनायक दामोदर सावरकर (हिंदू विचारक) और आरएसएस के दूसरे प्रमुख माधव सदाशिव गोलवलकर ने भी संविधान के कार्यान्वयन का विरोध किया था। भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस ने भी हमारे संविधान के कार्यान्वयन का विरोध किया था।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए संविधान के लागू होने से पहले भारत में एक बर्बर प्रणाली प्रचलन में थी, जिसके तहत मनुष्यों का शोषण किया जाता था, भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाई जाती थीं और दलितों एवं महिलाओं की शिक्षा का विरोध करने वाली अलिखित मनुस्मृति प्रथाओं पर अमल किया जाता था।
सिद्धरमैया ने आगाह किया कि संविधान का विरोध करने वाले ‘मनुस्मृति’ को फिर से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाषा पारुल धीरज
धीरज