गंगटोक, 18 जुलाई (भाषा) पद्मश्री से सम्मानित और सिक्किम के प्रख्यात साहित्यकार गदुल सिंह लामा का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यहां बौद्ध परंपरा के अनुसार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
गदुल सिंह लामा को सानु लामा के नाम से भी जाना जाता है।
लामा का 12 जुलाई को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में आयु संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया था।
वह 86 वर्ष के थे।
लामा एक कथाकार, कवि और नेपाली साहित्य के अनुवादक थे।
पेशे से इंजीनियर लामा ने लघु कथाओं के तीन संकलन की रचना की, जिनका अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, असमिया और उड़िया भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य के सबसे सम्मानित बुद्धिजीवियों में से एक लामा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने ‘फेसबुक’ पर एक संदेश में लामा को एक ‘महान साहित्यकार और सिक्किम का पुत्र’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध लेखक लामा के साहित्य, संस्कृति और जनसेवा में योगदान ने अमिट छाप छोड़ी है।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “उनके (लामा के) निधन से हमने एक प्रख्यात लेखक और विचारक को खो दिया। उनके योगदान ने हमारी सामूहिक अंतरात्मा पर अमिट छाप छोड़ी है।”
अंतिम संस्कार में कैबिनेट मंत्री, विधायक, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय समुदाय के सदस्य शामिल हुए।
भाषा जितेंद्र पवनेश
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