सोमनाथ भारती अपनी पत्नी के मानहानि मामले में पैरवी नहीं कर सकते: सीतारमण ने अदालत से कहा

सोमनाथ भारती अपनी पत्नी के मानहानि मामले में पैरवी नहीं कर सकते: सीतारमण ने अदालत से कहा

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  • Publish Date - June 26, 2025 / 05:23 PM IST,
    Updated On - June 26, 2025 / 05:23 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सोमनाथ भारती कानूनी तौर पर ‘‘हितों के टकराव’’ के कारण मानहानि के एक मामले में अपनी पत्नी की पैरवी नहीं कर सकते।

भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने सीतारमण के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाते हुए अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की थी।

सीतारमण के वकील ने दलील दी कि सोमनाथ भारती का मित्रा की शिकायत में प्रतिनिधित्व करना हितों का टकराव है, क्योंकि मित्रा, भारती की पत्नी हैं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि मंत्री के कथित भाषण से उनके पति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

वकील ने कहा कि भारती खुद के ही मामले में पेश नहीं हो सकते और उन्हें अपना वकालतनामा (अदालत में पैरवी करने के लिए वकील को अधिकृत करने वाला दस्तावेज) वापस ले लेना चाहिए, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ (बीसीआई) को कहा जाए।

भारती द्वारा अर्जी पर बहस के लिए समय मांगे जाने के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने सुनवाई की तारीख 16 जुलाई तय की।

न्यायाधीश ने 19 मई को सीतारमण को नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया कि ‘‘आरोपी को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणी करने एवं प्रकाशित करने का नया मामला प्राप्त हुआ है। इसकी जांच की जानी चाहिए और इसे दर्ज किया जाना चाहिए।’’

न्यायाधीश ने सीतारमण को नोटिस जारी करने/संज्ञान के विषय पर दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया था।

शिकायत में दावा किया गया कि सीतारमण ने 17 मई 2024 को एक प्रेस वार्ता में ‘‘अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान’’ दिए, जिसका एकमात्र उद्देश्य भारती की प्रतिष्ठा को धूमिल करना और आम चुनावों में उनकी जीत की संभावनाओं को कमजोर करना था।

शिकायत के अनुसार, ये बयान ‘‘केवल शिकायतकर्ता और उनके पति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से’’ दिये गए थे, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को राजनीतिक लाभ और शिकायतकर्ता के पति को राजनीतिक नुकसान हो।

इसमें कहा गया है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता और उनके पति के बीच पारिवारिक कलह के बारे में बात की, लेकिन उनके फिर से खुशी-खुशी एक साथ रहने की जानकारी नहीं दी।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश