तेजपुर विश्वविद्यालय के हितधारकों ने विरोध प्रदर्शन के 100 दिन होने पर भूख हड़ताल शुरू की

तेजपुर विश्वविद्यालय के हितधारकों ने विरोध प्रदर्शन के 100 दिन होने पर भूख हड़ताल शुरू की

तेजपुर विश्वविद्यालय के हितधारकों ने विरोध प्रदर्शन के 100 दिन होने पर भूख हड़ताल शुरू की
Modified Date: December 29, 2025 / 03:42 pm IST
Published Date: December 29, 2025 3:42 pm IST

तेजपुर (असम), 29 दिसंबर (भाषा) तेजपुर विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों ने अपने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर भी कोई सफलता नहीं मिलने पर सोमवार को 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी।

कुलपति शंभू नाथ सिंह द्वारा कथित तौर पर की गई अनियमितताओं के खिलाफ यहां सितंबर के मध्य से लगातार प्रदर्शन जारी है।

असम के सोनितपुर जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित यह संस्थान 29 नवंबर से ही विरोध प्रदर्शनों के कारण ठप पड़ा है, क्योंकि सभी हितधारकों के संयुक्त मंच ने भ्रष्टाचार और अन्य प्रकार की अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में मुश्किलों से घिरे कुलपति को हटाने और उनके कार्यों की जांच शुरू करने की मांग की है।

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छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के संयुक्त मंच ‘तेजपुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम’ (टीयूयूएफ) ने निराशा व्यक्त की कि लगातार 100 दिन के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के बाद भी कुलपति को हटाने के लिए कोई ठोस समाधान या कार्रवाई योग्य आश्वासन नहीं दिया गया है।

टीयूयूएफ के एक स्वयंसेवक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सिंह की लंबी अनुपस्थिति और अधिकारियों की निष्क्रियता ने संस्था को प्रशासनिक गतिरोध में धकेल दिया है तथा जनता के विश्वास को कम कर दिया है।

‘तेजपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन’ (टीयूटीए), ‘तेजपुर यूनिवर्सिटी नॉन टीचिंग इंप्लाइज एसोसिएशन’ (टीयूएनटीईए) और छात्र समुदाय ने सोमवार को रात 12 बजे से 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी, जो रात 11:59 बजे तक जारी रहेगी।

सितंबर के मध्य से ही विश्वविद्यालय में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। छात्रों का यह भी आरोप है कि जब राज्य सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग की मौत का शोक मना रहा था तो कुलपति और विश्वविद्यालय अधिकारियों ने उनके प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया।

विश्वविद्यालय समुदाय वित्तीय अनियमितताओं के अलावा सिंह के प्रशासन के तहत सुंदर परिसर में कथित वनों की कटाई और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहा है।

विश्वविद्यालय परिसर में 22 सितंबर को तीखी नोकझोंक और छात्रों के साथ कहासुनी होने के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के चलते कुलपति परिसर से दूर रहे। स्थिति ऐसी बन गई थी कि सिंह को लगभग वहां से भागना पड़ा।

सितंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 11 संकाय सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों ने या तो अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है या विश्वविद्यालय से ही इस्तीफा दे दिया है।

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल


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