चेन्नई, 18 फरवरी (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिए जाने की लगातार हो रही घटनाओं पर रविवार को चिंता जताई, और केंद्र से मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए निर्णायक फैसला करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक खबर ‘टैग’ की, जो तमिलनाडु के कुछ मछुआरों को श्रीलंका में कैद किये जाने के खिलाफ रामेश्वर में हुए प्रदर्शन के बारे में थी। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़ने की लगातार हो रही घटनाएं बेहद चिंताजनक है।’’
स्टालिन ने कहा, ‘‘पिछले दो महीनों में गिरफ्तारियों में तेजी से वृद्धि हुई है और 69 मछुआरों को पकड़ा गया है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि तीन मछुआरों को आदतन अपराधी के रूप में चिह्नित किया गया, जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक हिरासत में रखा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति न केवल हमारे मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालती है, बल्कि उनकी मेहनत से कमाई को भी खतरे में डालती है क्योंकि उनकी पकड़ी गई नौकाओं का श्रीलंकाई सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीयकरण’ कर दिया गया है।’’
स्टालिन ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के कथित उल्लंघन को लेकर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़े गए मछुआरों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
उन्होंने मछुआरों की नौकाओं को वापस लाने के लिए कार्रवाई किये जाने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस मामले को प्राथमिकता देना और हमारे मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे केवल तमिल नहीं हैं बल्कि गौरवान्वित भारतीय हैं।’’
भाषा धीरज सुभाष
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