इडुक्की, नौ दिसंबर (भाषा) मलयालम अभिनेता आसिफ अली ने मंगलवार को कहा कि वह अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता के साथ मजबूती से खड़े हैं लेकिन इस मामले में अदालत के फैसले का सम्मान भी करते हैं।
अली ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए, न कि किसी व्यक्ति विशेष को दंडित करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
एर्नाकुलम प्रधान सत्र न्यायालय द्वारा अभिनेता दिलीप और तीन अन्य आरोपियों को इस सनसनीखेज मामले में बरी किए जाने के एक दिन बाद अभिनेता ने यह टिप्पणी की।
अदालत ने अपराध में शामिल सुनील एन एस उर्फ पल्सर सुनी सहित छह आरोपियों को दोषी पाया।
आसिफ अली ने पत्रकारों द्वारा फैसले पर उनकी राय बार-बार पूछे जाने के बाद कहा कि वह इस मामले पर टिप्पणी करने में सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि किसी भी प्रकार की टिप्पणी अदालत की अवमानना हो सकती है।
उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान करने के बाद पत्रकारों से कहा, “मैं हमेशा पीड़िता के साथ हूं और अपना पूरा समर्थन देता हूं। मुझे फैसले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अदालत ने जो सही समझा, वही फैसला सुनाया।”
अली ने कहा कि हर कोई बेहद सावधानी से प्रतिक्रिया देना चाहता है क्योंकि यह एक संवेदनशील विषय है, जिसकी कई तरह से व्याख्या की जा सकती है।
अभिनेता ने सोशल मीडिया पर विचारों को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने पर चिंता व्यक्त की और आग्रह किया कि बयान केवल निहितार्थों को पूरी तरह समझने के बाद ही दिए जाने चाहिए।
अभिनेता ने फैसले के खिलाफ अपील करने के सरकार के फैसले पर कहा कि यह संभवतः इस विश्वास पर आधारित था कि पूर्ण न्याय नहीं हुआ है।
उन्होंने लगभग नौ साल की कानूनी लड़ाई के बाद अभिनेता दिलीप को बरी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह इस बारे में नहीं है कि किसे सजा दी जाए, बल्कि न्याय सुनिश्चित करने के बारे में है।
आसिफ अली ने फिल्म जगत में प्रभावशाली पदों पर दिलीप की संभावित वापसी पर भी टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि ऐसे मामले उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
भाषा जितेंद्र सिम्मी
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