30 सितंबर तक एसआईआर लागू करने के लिए तैयार रहें राज्य निर्वाचन अधिकारी: : निर्वाचन आयोग

30 सितंबर तक एसआईआर लागू करने के लिए तैयार रहें राज्य निर्वाचन अधिकारी: : निर्वाचन आयोग

30 सितंबर तक एसआईआर लागू करने के लिए तैयार रहें राज्य निर्वाचन अधिकारी: : निर्वाचन आयोग
Modified Date: September 21, 2025 / 03:13 pm IST
Published Date: September 21, 2025 3:13 pm IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन अधिकारियों को 30 सितंबर तक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए तैयार रहने को कहा है।

आयोग का यह निर्देश इस बात का संकेत है कि अक्टूबर-नवंबर की शुरुआत में मतदाता सूची को दुरुस्त करने का काम शुरू हो सकता है।

अधिकारियों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के एक सम्मेलन में आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें अगले 10 से 15 दिनों में विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए तैयार रहने को कहा था।

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हालांकि अधिक स्पष्टता के लिए 30 सितंबर की समय सीमा तय की गई थी।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित अपने राज्यों की मतदाता सूची तैयार रखें।

कई राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने अपनी पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूचियां पहले ही अपनी वेबसाइटों पर डाल दी हैं।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची उपलब्ध है, जब राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम गहन पुनरीक्षण हुआ था।

उत्तराखंड में अंतिम एसआईआर 2006 में हुआ था और उस वर्ष की मतदाता सूची अब राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

राज्यों में अंतिम एसआईआर ही ‘कट-ऑफ’ तिथि होगी, ठीक उसी तरह जैसे बिहार की 2003 की मतदाता सूची का उपयोग आयोग गहन पुनरीक्षण के लिए कर रहा है।

अधिकांश राज्यों में अंतिम एसआईआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था और उन्होंने वर्तमान मतदाताओं का मिलान पिछले गहन पुनरीक्षण के अनुसार लगभग पूरा कर लिया है।

आयोग ने कहा कि बिहार के बाद पूरे देश में एसआईआर लागू किया जाएगा। असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं।

इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच कर उन्हें बाहर निकालना है।

विभिन्न राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमा सहित अवैध विदेशी प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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