फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए राज्य सरकार रखेगी ये शर्त, माने तो ठीक वर्ना

फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए राज्य सरकार रखेगी ये शर्त, माने तो ठीक वर्ना

फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए राज्य सरकार रखेगी ये शर्त, माने तो ठीक वर्ना
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: January 11, 2020 10:31 am IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में विदेशी राजनयिकों के दौरे के बाद हलचल तेज है। एक ओर 26 लोगों पर पीएसए हटाने के बाद आज उनकी रिहाई संभव है। दूसरी ओर राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए एक समझौते पर काम कर रही है। जिसमें इन दोनों प्रमुख नेताओं को सक्रिय राजनीति से कुछ दिन दूर रहने का वादा लिए जाने के बाद ही नजरबंदी से मुक्त किया जाएगा।

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ऐसा एक प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है जिसके बाद इस पर बातचीत के लिए फारूक और उमर अब्दुल्ला से संपर्क साधा जा सकता है। सरकार के एक उच्च सूत्रों के मुताबिक, ‘एक विचार यह भी है कि दोनों को कुछ समय के लिए ब्रिटेन भेजने का रास्ता निकाला जाए।’ सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता देश से बाहर रहते हुए जम्मू-कश्मीर में मौजूद अपने पार्टी एजेंट्स की मदद से भी मामलों को देख सकते हैं।

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बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील किए जाने के बाद से ही नैशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया था।

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जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में इंटरनेट पर रोक और धारा 144 पर रोक के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चंद घंटे बाद कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सहित 26 लोगों पर लगा कड़ा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटा लिया है। कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा भी इन लोगों में शामिल हैं।

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इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में इंटरनेट के इस्तेमाल को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार करार दिया और जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश में सभी प्रतिबंधों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा की जाए।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com