एंजेल चकमा के लिए इंसाफ की मांग को लेकर पूर्वोत्तर के छात्रों ने देहरादून में कैंडल मार्च निकाला

एंजेल चकमा के लिए इंसाफ की मांग को लेकर पूर्वोत्तर के छात्रों ने देहरादून में कैंडल मार्च निकाला

एंजेल चकमा के लिए इंसाफ की मांग को लेकर पूर्वोत्तर के छात्रों ने देहरादून में कैंडल मार्च निकाला
Modified Date: December 31, 2025 / 08:51 pm IST
Published Date: December 31, 2025 8:51 pm IST

देहरादून, 31 दिसंबर (भाषा) देहरादून में त्रिपुरा के 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की हत्या के विरोध में बुधवार को पूर्वोत्तर के छात्रों ने यहां कैंडल मार्च निकाला और नस्लीय दुर्व्यवहार के खिलाफ नारे लगाते हुए उसके लिए इंसाफ मांगा।

‘यूनिफाइड त्रिपुरा स्टूडेंटस एसोसिएशन’ (यूटीएसए) के बैनर तले यहां के विभिन्न संस्थानों में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर के विद्यार्थी यहां गांधी पार्क के बाहर इकट्ठा हुए और हाथों में मोमबत्ती लेकर घंटाघर तक मार्च निकाला। इस मार्च में अन्य राज्यों के कुछ छात्र भी शामिल हुए।

एंजेल चकमा की तस्वीर वाला बैनर लिए हुए छात्र ‘रेसिज्म (नस्लवाद) बंद करो’, ‘वी आर इंडियंस (हम भारतीय हैं), ‘वी वांट जस्टिस (हमें इंसाफ चाहिए)’ जैसे नारे लगा रहे थे।

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यूटीएसए, देहरादून, के महासचिव चुरांटा त्रिपुरा ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले को दबाना चाहती है और इसलिए इसे ‘नस्लवाद’ नहीं मान रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फिलहाल नए साल के कारण यातायात की समस्या का बहाना बनाकर पुलिस ने उन्हें विरोध मार्च भी बंद करने को कहा।

यहां के एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए अंतिम वर्ष के छात्र एंजेल चकमा को नौ दिसंबर को कुछ युवकों द्वारा कथित तौर पर चाकू और कड़े से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। अस्पताल में 17 दिन तक भर्ती रहने के बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी थी।

चकमा का परिवार और उनके साथी जहां इस घटना को ‘नस्लवादी टिप्पणियों’ का परिणाम बता रहे हैं वहीं देहरादून पुलिस का कहना है कि उसे अब तक की जांच में ‘नस्लीय दुर्व्यवहार’ का कोई सबूत नहीं मिला है।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा है कि देहरादून में देश भर से छात्र पढ़ने आते हैं जिनमें से पूर्वोत्तर के भी करीब 2000 से अधिक छात्र हैं।

सिंह ने कहा कि त्रिपुरा के ही करीब 250 छात्र यहां पढ़ रहे हैं।

उन्होंने सभी छात्रों को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस तरह की वारदात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें सख्त सजा दिलायी जाएगी।

भाषा दीप्ति नोमान

नोमान


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