भुवनेश्वर। भारत और रूस की सहायता से बने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण ओडिशा स्थित चांदीपुर टेस्ट रेंज से किया गया।इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य मिसाइल की समय अवधि बढ़ाना था। जिसके चलते अब मिसाइल को 10 साल की जगह 15 साल बाद बदलने की राहत मिली है.इस अवसर पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर अकॉउंट के माध्यम से ब्रह्मोस टीम और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन को बधाई दी है।
The successful test will result in huge savings of replacement cost of missiles held in the inventory of Indian Armed Forces. 2/2
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) May 21, 2018
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, इस तकनीक के सफल परीक्षण से मिसाइल को जल्द बदलने से बढ़ने वाली लागत में कमी आएगी। यहाँ ये भी बताना जरुरी है कि पिछले 11 साल से भारतीय सेना सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है।और इसके साथ ही साथ हमारी सेना ने अपने तीन रेजिमेंट में इसे स्थान दिया हुआ है। आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तमाल तीनो सेनाये करती हैं। ब्रह्मोस का सबसे ज्यादा इस्तमाल सतह से सतह के लिए किया जाता है साथ ही हवा और समुद्र से पार करने वाले मिसाइल में भी इसकी अच्छी गिनती है। ज्ञात हो कि साल 2017 में भारत नेदुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का टेस्ट किया था। इसे सुखोई 30mki से छोड़ा गया था।
वेब डेस्क IBC24