शीर्ष अदालत ने केंद्र से नफरत भरे भाषण के मामलों पर गौर करने के लिये समिति गठित करने को कहा

शीर्ष अदालत ने केंद्र से नफरत भरे भाषण के मामलों पर गौर करने के लिये समिति गठित करने को कहा

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  • Publish Date - August 11, 2023 / 03:45 PM IST,
    Updated On - August 11, 2023 / 03:45 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से नफरत भरे भाषण के मामलों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने को कहा।

उच्चतम न्यायालय हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में हुई रैलियों में एक विशेष समुदाय के सदस्यों की हत्या और उनके सामाजिक तथा आर्थिक बहिष्कार के आह्वान संबंधी कथित ‘‘घोर नफरत भरे भाषणों’’ को लेकर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

हरियाणा में हाल में हुए सांप्रदायिक दंगों में छह लोगों की मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से निर्देश लेने और 18 अगस्त तक समिति के बारे में सूचित करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘समुदायों के बीच सद्भाव और सौहार्द होना चाहिए। सभी समुदाय जिम्मेदार हैं। नफरती भाषण की समस्या अच्छी नहीं है और कोई भी इसे स्वीकार नहीं कर सकता।’’

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को वीडियो सहित सभी सामग्री एकत्र करने और उसके 21 अक्टूबर, 2022 के फैसले के अनुसरण में नियुक्त नोडल अधिकारियों को सौंपने का भी निर्देश दिया।

पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला द्वारा दाखिल अर्जी में उच्चतम न्यायालय के दो अगस्त के उस आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया था, “हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकारें और पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरा भाषण न दिया जाए और कोई हिंसा न हो या संपत्तियों को नुकसान न हो।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि नफरत भरे भाषणों से माहौल खराब होता है और जहां भी आवश्यक हो, पर्याप्त पुलिस बल या अर्धसैनिक बल को तैनात किया जाना चाहिए और सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे के जरिये वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जाये।

भाषा देवेंद्र दिलीप

दिलीप