शीर्ष अदालत ने महाकाल लोक परिसर भूमि अधिग्रहण मामले में याचिका खारिज की
शीर्ष अदालत ने महाकाल लोक परिसर भूमि अधिग्रहण मामले में याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उज्जैन में महाकाल लोक परिसर के पार्किंग क्षेत्र की जगह बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 11 जनवरी के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।
सात नवंबर को, शीर्ष अदालत ने उस आदेश को चुनौती देने वाली एक अलग याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उज्जैन में एक मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए निर्देश देने का आग्रह करने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। संबंधित मस्जिद को भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के बाद हटा दिया गया था।
लगभग 200 साल पहले स्थापित तकिया मस्जिद को जनवरी में संबंधित भूमि के अधिग्रहण के बाद हटा दिया गया था।
अधिकारियों ने महाकाल लोक परिसर के पार्किंग स्थल का विस्तार करने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की थी।
बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू करने से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन के अनिवार्य प्रावधान का इस मामले में पालन नहीं किया गया।
पीठ ने कहा, ‘‘आप केवल कब्जेदार हैं।’’ इसने कहा कि याचिकाकर्ता जमीन का मालिक नहीं था।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
भाषा नेत्रपाल नरेश
नरेश

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