उच्चतम न्यायालय ने पोलावरम परियोजना से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

उच्चतम न्यायालय ने पोलावरम परियोजना से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

उच्चतम न्यायालय ने पोलावरम परियोजना से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया
Modified Date: December 29, 2022 / 05:50 pm IST
Published Date: December 29, 2022 5:50 pm IST

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पोलावरम बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को दी गई पर्यावरण मंजूरी में कथित उल्लंघन के आरोप संबंधी एक याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने जवाब मांगते हुए केंद्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को नोटिस जारी किया।

पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है और फरवरी, 2023 तक जवाब दिया जाना चाहिए।’’

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उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ अर्थशास्त्री पी. पुल्लाराव द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने उन्हें उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था।

अधिवक्ता श्रवण कुमार के जरिये दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनजीटी ने पर्यावरण और वन मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पोलावरम परियोजना प्राधिकरण की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर विचार किए बिना मामले को अचानक बंद कर दिया।

पुल्लाराव ने स्थल पर पर्यावरण के उल्लंघन का आरोप लगाया था और दावा किया था कि परियोजना स्थल के पास कृषि भूमि पर भारी मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ फेंके जा रहे हैं।

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुधवार को मुलाकात कर पोलावरम परियोजना की संशोधित लागत 55,548.87 करोड़ रुपये के अनुमान को जल्द मंजूरी देने की मांग की।

उन्होंने प्रधानमंत्री से शिकायत की कि राज्य सरकार द्वारा परियोजना पर खर्च किए गए 2,937.92 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति अपने स्वयं के राजस्व से नहीं करने के अलावा, केंद्र ने पेयजल आपूर्ति प्रणाली को परियोजना से अलग मानने का भी गलत विकल्प चुना है।

उन्होंने बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 41.15 मीटर करने के प्रयासों के मद्देनजर भूमि अधिग्रहण शुरू करने और विस्थापित परिवारों के राहत और पुनर्वास के कार्यों को शुरू करने के लिए तदर्थ आधार पर तत्काल 10,485.38 करोड़ रुपये जारी करने की भी प्रधानमंत्री से अपील की।

भाषा देवेंद्र मनीषा

मनीषा


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