घर खरीदना होगा आसान! मदद करेगा सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला, सरल भाषा में जानें |

घर खरीदना होगा आसान! मदद करेगा सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला, सरल भाषा में जानें

देश में लाखों लोग अपने घरों की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के पक्ष में निर्देश दिए हैं, कोर्ट केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह राज्यों के लागू किए गए रेरा कानून को देखें और तय करें कि राज्यों के रेरा कानून केंद्र के 2016 के एक्ट की तर्ज पर हों। Supreme Court order puts interests homebuyers banks event of real estate firm defaulting on a loan

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : February 23, 2022/1:27 pm IST

नईदिल्ली। Supreme Court order interests homebuyers: राजधानी क्षेत्र में पिछले 22 साल से रह रहे एक शख्स एक आम परिवार की तरह वे भी अपना घर बसाना चाहते थे, इधर-उधर से पैसों का जुगाड़ कर 2011 में नोएडा एक्सटेंशन (Noida Extension) में एक फ्लैट बुक करा दिया। फ्लैट की कीमत थी 48 लाख थी, इसलिए डाउन पेमेंट (Down Payment) करने के बाद भी एक अच्छा-खासा होम लोन लेना पड़ा था। सोच रहे थे कि फटाफट अपने घर में शिफ्ट हो जाएंगे और चैन की सांस लेंगे। लेकिन, ये इंतजार आज तक पूरा नहीं हुआ।

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दरअसल, बिल्डर डिफॉल्ट (Default) कर गया और प्रोजेक्ट लटक गया। ये शख्स होम लोन की EMI और घर का रेंट भी भी चुका रहे हैं, कर्ज के बोझ तले दबकर वे कराह रहे थे। घर न मिलने का दर्द उनकी आंखों में साफ दिखाई दे रहा है। उनके जैसे हालात से देश के लाखों होम बायर्स जूझ रहे हैं। रेरा लागू होने के बावजूद घर खरीदने वाले दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला अब इन होम बायर्स को राहत दे सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से कैसे मिलेगी राहत

-कोर्ट ने कहा है कि बैंकों के कर्ज के मुकाबले घर खरीदारों के हित ज्यादा बड़े हैं। यानी अगर कोई बिल्डर लोन नहीं चुका पाता और घर का पजेशन नहीं दे पाता तो ऐसे हालात में होम बायर्स को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। बैंकों की रिकवरी प्रक्रिया से अगर टकराव के हालात बनते हैं तो रेरा के आदेश लागू होंगे। यानी ग्राहकों को बचाने को तरजीह दी जाएगी।

-देश में लाखों लोग अपने घरों की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं, अदालतों में इन्हें लेकर मुकदमे चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के पक्ष में निर्देश दिए हैं। कोर्ट केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह राज्यों के लागू किए गए रेरा कानून को देखें और तय करें कि राज्यों के रेरा कानून केंद्र के 2016 के एक्ट की तर्ज पर हों।

-सुप्रीम कोर्ट देश में एक जैसे बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को लागू करने की भी बात कह चुका है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा। घरों की डिलीवरी में होने वाली देरी भी खत्म होगी, इतना ही नहीं इससे रियल्टी सेक्टर में नई पूंजी आने का रास्ता भी खुलेगा यानी नए निवेश के मौके पैदा होंगे। आंकड़े बताते हैं कि 20 फीसदी से ज्यादा होम बायर्स को घर के पजेशन के लिए तय डेडलाइन के मुकाबले 10 साल ज्यादा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे बायर्स की तादाद 50% से ज्यादा है जिन्हें तय वक्त के मुकाबले 3 साल ज्यादा रुकना पड़ता है।

-रेरा आया तो देश के कोने-कोने में बिल्डर्स के खिलाफ शिकायतों का अंबार लग गया, ऐसी करीब 50,000 शिकायतें राज्यों के रेरा के पास दायर की जा चुकी हैं। इनमें से 42,000 का निपटारा भी हो चुका है। महाराष्ट्र, यूपी में सबसे ज्यादा शिकायतें हुई हैं।

-प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट हैरान करती है, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में देश में 6 लाख घरों के कंस्ट्रक्शन का काम अटका हुआ था या देरी के शिकार थे। सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट्स दिल्ली-एनसीआर में फंसे हैं। यहां 1 लाख 30 हजार खरीदार अपना घर मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। तो सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला नरेंद्र और उनके जैसे लाखों लोगों को घर की चाबी देने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।