नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस मामले में कांग्रेस को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए हेराल्ड हाउस खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी है। बता दें इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 फरवरी को मामले में सुनवाई करते हुए हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड ने सुप्रीम से अपील की थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
Read More: भाजपा ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, मोदी, शाह, गडकरी, जेटली सहित 40 नाम शामिल
मामले में एजेएल ने आरोप लगाते हुए कहा था कि यह फैसला राजनीतिक विद्वेष का एक हिस्सा है, जिसके चलते ये निर्देश दिए गए। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साल 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी। केंद्र के रुख का विरोध करते हुए एजेएल ने कहा कि वेब संस्करणों का प्रकाशन 2016 में शुरू हुआ था और तब परिसर में प्रिटिंग प्रेस की अनुपस्थिति का मुद्दा नहीं उठा था। अप्रैल 2018 तक सरकार शांत रही और फिर उसने निरीक्षण के लिए नोटिस भेजा और इसमें उसने कहा कि वह 10 अक्टूबर 2016 को नोटिस में बताए गए उल्लंघनों की जांच करने आ रही है। एजेएल ने दलील दी थी कि कई बड़े अखबार अन्य स्थानों पर प्रिटिंग का काम करते हैं।
जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस और किन पर लगा है आरोप
एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपए की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसका अर्थ ये हुआ कि पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है। इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर ‘यंग इंडियन ‘ को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया. यानी ‘यंग इंडियन’ को मुफ्त में टीएजेएल का स्वामित्व मिल गया। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मोतिलाल वोरा व अन्य कई कांग्रेसी नेताओं का नाम शामिल है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने लागया ये आरोप
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है जिसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। वे इस आरोप को लेकर 2012 में कोर्ट गए। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को समन जारी कर पेश होने के आदेश जारी किए थे। तब से इस आदेश की तामील लंबित है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। कांग्रेस ने पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इसके बाद पांच लाख रुपये से यंग इंडिया कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है। इसके बाद के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडिया को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का ऋण चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडिया को एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के 99 प्रतिशत शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का ऋण भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडिया को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।
ये है सुब्रह्मण्यम स्वामी के प्रमुख प्रश्न
रांची में फल मंडी में आग लगी
4 hours ago