उच्चतम न्यायालय ने सपा के पूर्व सांसद के खिलाफ शस्त्र मामले की सुनवाई पर रोक लगाई
उच्चतम न्यायालय ने सपा के पूर्व सांसद के खिलाफ शस्त्र मामले की सुनवाई पर रोक लगाई
नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक प्रतिशोध के चलते ‘उत्पीड़न’ का आरोप लगाने वाले को समाजवादी पार्टी (सपा) के एक पूर्व लोकसभा सदस्य के खिलाफ 2007 के शस्त्र मामले में जारी सुनवाई पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मिर्जापुर के पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की ओर से पेश हुए वकील रोहित ए. स्थलेकर की दलीलों पर गौर किया।
वकील ने दलील दी कि आपराधिक मामलों के पीछे का मकसद “याचिकाकर्ता को परेशान करना और उनके राजनीतिक करियर को खराब करना” है।
न्यायमूर्ति नाथ ने पूछा, “आप किस पार्टी से हैं?”
इसपर वकील ने कहा, “मैं पूर्व सांसद हूं। मैं समाजवादी पार्टी में हूं।”
इसके बाद पीठ ने आदेश दिया, ‘नोटिस जारी करें। निचली अदालत (रायबरेली में चतुर्थ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष) में आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक रहेगी।’
उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद ने प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सात अप्रैल के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने 2007 के शस्त्र अधिनियम मामले से जुड़ी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
याचिका में कहा गया था, ‘याचिकाकर्ता मिर्जापुर जिले से पूर्व सांसद हैं और एक सम्मानित व वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण, सियासी जीवन में उनके खिलाफ कई मनगढ़ंत और परेशान करने वाली शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें याचिकाकर्ता को दोषमुक्त किया जा चुका है।’’
पूर्व सांसद ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को ‘परेशान करने वाली और मनगढ़ंत’ बताया।
यह प्राथमिकी शस्त्र अधिनियम, 1959 के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी। उन पर कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर हथियार लाइसेंस हासिल करने और निर्धारित सीमा से अधिक हथियार रखने का आरोप है। बाद में पटेल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा था कि राज्य सरकार मामला वापस लेने के लिए इच्छुक नहीं है और पटेल के पास राज्य को ऐसी अनुमति लेने के लिए बाध्य करने का अधिकार नहीं है।
भाषा जोहेब माधव
माधव

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