बीबीसी के वृत्तचित्र पर जनहित याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय |

बीबीसी के वृत्तचित्र पर जनहित याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

बीबीसी के वृत्तचित्र पर जनहित याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

:   Modified Date:  January 30, 2023 / 12:47 PM IST, Published Date : January 30, 2023/12:47 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के एक वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सोमवार को सुनवाई करेगा।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने वकील एम एल शर्मा और वरिष्ठ वकील सी यू सिंह की दलीलों पर गौर किया। दोनों वकीलों ने इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।

सुनवाई की शुरुआत में शर्मा ने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

इस पर सीजेआई ने कहा, ‘‘इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। कृपया इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।’’

पीठ ने कहा, ‘‘आप कहीं से भी सोशल मीडिया पर बात रख सकते है। इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी।’’

कुछ मिनटों बाद वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार एन राम और वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर एक अलग याचिका का उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि कैसे कथित तौर पर आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल कर राम और भूषण के ट्वीट हटाए गए। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के वृत्तचित्र को दिखाने पर अजमेर में छात्रों को निलंबित कर दिया गया।

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इस पर सुनवाई करेंगे।’’

शर्मा ने वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि यह ‘‘दुर्भावनापूर्ण, मनमाना और असंवैधानिक’’ है।

जनहित याचिका में उच्चतम न्यायालय से बीबीसी के वृत्तचित्र – पहले और दूसरे भाग – पर गौर करने तथा उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है जो 2002 के गुजरात दंगों में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे और उसके लिए जिम्मेदार थे।

शर्मा ने कहा कि अपनी जनहित याचिका में उन्होंने एक संवैधानिक सवाल उठाया है और उच्चतम न्यायालय को यह फैसला लेना है कि नागरिकों के पास 2002 के गुजरात दंगों पर खबरें, तथ्य तथा रिपोर्ट देखने के लिए अनुच्छेद 19 (1)(2) के तहत अधिकार है या नहीं।

उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 21 जनवरी 2023 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए इसे गैरकानूनी, दुर्भावनापूर्ण, मनमाना तथा असंवैधानिक बताया।

याचिका में दावा किया गया है कि बीबीसी के वृत्तचित्र में ‘‘रिकॉर्ड में उपलब्ध तथ्य’’ हैं जो ‘‘सबूत’’ भी हैं और इनका पीड़ितों को न्याय दिलाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को विवादास्पद बीबीसी वृत्तचित्र ‘‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’’ के लिंक साझा करने वाले कई यू ट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)