अदालत ने जामिया हमदर्द के पूर्व कुलसचिव को यौन उत्पीड़न मामले में बरी करने का फैसले बरकार रखा
अदालत ने जामिया हमदर्द के पूर्व कुलसचिव को यौन उत्पीड़न मामले में बरी करने का फैसले बरकार रखा
नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने जामिया हमदर्द के पूर्व कुलसचिव को एक महिला का यौन उत्पीड़न करने और उसे धमकाने के आरोपों से बरी करने के मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि अभियोजन का मामला साबित नहीं होता है तथा शिकायतकर्ता ने बार-बार बयान बदला है और अपने दावों के समर्थन में वह सबूत पेश नहीं कर सकीं।
महिला ने दिसंबर 2021 में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ ऊपरी सत्र अदालत में अपील दायर की थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘मौजूदा मामले में, अपीलकर्ता के वकील (फैसले में) कोई अनियमितता नहीं दिखा पाए हैं। अत:, अपील खारिज की जाती है और (आरोपी को) बरी करने के आदेश को बरकरार रखा जाता है।’
आम्बेडकर नगर थाने में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
भाषा नोमान माधव
माधव

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