शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल सरकार पर घुसपैठ को बढ़ावा देकर जनसांख्यिकी बदलने का आरोप लगाया

शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल सरकार पर घुसपैठ को बढ़ावा देकर जनसांख्यिकी बदलने का आरोप लगाया

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  • Publish Date - February 18, 2025 / 08:28 PM IST,
    Updated On - February 18, 2025 / 08:28 PM IST

कोलकाता, 18 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश से सीमा पार घुसपैठ को बढ़ावा देकर राज्य की जनसांख्यिकी बदल रही है।

अधिकारी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को मौजूदा बजट सत्र के दौरान सदन से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने सदन के बाहर विधानसभा परिसर में भाषण दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘आपकी सरकार सीमा पार (बांग्लादेश के साथ लगी सीमा) से घुसपैठ को बढ़ावा देकर राज्य की जनसांख्यिकी बदल रही है। पड़ोसी देश के आतंकवादी पश्चिम बंगाल में अपने अड्डे बना रहे हैं।’’

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘जब असम एसटीएफ ने उन्हें पकड़ा, तो आप (बनर्जी) सो रही थीं। आपके मंत्री कहते हैं कि कोलकाता के कुछ हिस्से पड़ोसी देश जैसे दिखते हैं। वह एक विशेष समुदाय की जनसंख्या में वृद्धि के बारे में बात करते हैं, फिर भी आप कोई कार्रवाई नहीं करती हैं। क्या आप खुश होंगी यदि राज्य की जनसांख्यिकी बदल जाए? लेकिन हम आपको ऐसा कभी नहीं करने देंगे…हम आपको हिंदुओं की ताकत दिखाएंगे।’’

मुख्यमंत्री पर राज्य के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर करोड़ों हिंदुओं को अपमानित किया है।

शुभेंदु अधिकारी ने सवाल किया, ‘‘उन्होंने सदन में महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया। करीब 40 करोड़ हिंदुओं ने त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई। उन्हें हिंदुओं को अपमानित करने का अधिकार किसने दिया है?’’

उन्होंने लोगों से बनर्जी के बयान के विरोध में खड़े होने का आह्वान किया तो भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए।

अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सदियों से सभी शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा धार्मिक उत्साह के साथ मनाई जाती रही है, लेकिन ‘‘टीएमसी शासन के दौरान, साबिर मंडल नाम के किसी व्यक्ति ने एक कॉलेज में पूजा न करने का फतवा जारी किया, जहां मुख्यमंत्री ने पढ़ाई करने का दावा किया है।’’

भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह उनके (बनर्जी) तुष्टीकरण का असली चेहरा दिखाता है।’’

शुभेंदु अधिकारी ने इस बात पर हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय के साथ ‘‘दुर्व्यवहार’’ करने का आरोप लगाया है। अधिकारी ने आरोप लगाया कि ‘‘सदन की सदस्य नहीं होने के बावजूद बनर्जी ने नवंबर 2006 में सदन के अंदर तोड़फोड़ की घटना में अपनी पार्टी के विधायकों का नेतृत्व करके विधानसभा की गरिमा गिराई थी।’’

सोमवार को सदन में कथित तौर पर अमर्यादित आचरण करने के कारण अधिकारी और तीन अन्य भाजपा विधायकों को बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया था। सदन में हंगामा करने के लिए अधिकारी के अलावा भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल, बंकिम घोष और विश्वनाथ कारक को सदन से 30 दिन या बजट सत्र के अंत तक के लिए निलंबित कर दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि आरजी कर घटना, ‘‘राज्य में परियोजनाओं में केंद्रीय धन की हेराफेरी’’, सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षदों पर ‘‘अपनी ही पार्टी के लोगों द्वारा’’ हमले तथा राज्य और केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में असमानता जैसे मुद्दे उजागर हों।

अधिकारी ने कहा कि विधानसभा में जब ‘अपराजिता विधेयक’ पेश किया था, तब भाजपा ने इसका समर्थन किया था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं ले सकी, क्योंकि महिला सुरक्षा पर पश्चिम बंगाल सरकार का रिकॉर्ड दिल्ली में बैठे लोगों में विश्वास पैदा नहीं करता।

बनर्जी पर विपक्ष को कोई स्थान नहीं देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सभी समितियों में अपने चुने हुए लोगों को नियुक्त करती हैं।

उन्होंने पिछड़ी जातियों और जनजातियों सहित हिंदू समाज के सभी वर्गों के बीच एकता का आह्वान किया और आरोप लगाया कि टीएमसी ने हमेशा हिंदुओं के हितों के साथ विश्वासघात किया है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हम हिंदुओं के हितों की रक्षा करेंगे। हम टाटा को पश्चिम बंगाल में वापस लाएंगे। हम महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए ठोस कदम उठाएंगे। हम पश्चिम बंगाल को जिहादियों से बचाएंगे।’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश