एनएससीएन-आईएम के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है : सरकार

एनएससीएन-आईएम के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है : सरकार

एनएससीएन-आईएम के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है : सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: November 6, 2020 12:52 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने शुक्रवार को कहा कि दशकों पुराने नगा मामले के समाधान को लेकर एनएससीएन-आईएम के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और विद्रोही समूह से निपटने के लिए सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

यहां नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित हीरक जयंती वेबिनार में भल्ला ने कहा कि केन्द्र सरकार उल्फा और अन्य प्रमुख समूहों सहित पूर्वोत्तर के सभी समूहों के साथ शांति वार्ता कर रही है। उन्होंने कहा कि चीन इन समूहों का उपयोग भारत के खिलाफ कर सकता है।

यह पूछने पर कि लद्दाख गतिरोध के बाद सरकार को क्या पूर्वी सेक्टर में चीन की संलिप्तता का संदेह है, भल्ला ने कहा, ‘‘इसकी आशंका है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं है। इन लोगों (चरमपंथियों) ने वैसे जनाधार खो दिया है। उल्फा का नेतृत्व असम में है और सरकार से बातचीत कर रहा है। संघर्ष विराम के बाद एनएससीएन के लोग दिल्ली में हैं और अंतिम समझौते पर हमसे बातचीत कर रहे हैं। हमें वैसी कोई बड़ी समस्या नजर नहीं आ रही है।’’

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भारत और चीन की सेनाओं की टुकड़ियां पूर्वी लद्दाख में मई से ही सीमा गतिरोध में उलझी हुई हैं। गलवान घाटी में 15 जून को पीएलए के साथ हुई झड़प में देश के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।

गृह सचिव ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में हालात नियंत्रण में है और केन्द्र सरकार उग्रवादियों से निपटने के लिए राज्यों को सहायता मुहैया करा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उग्रवादी समूहों से निपटने और इन समूहों के साथ बातचीत के लिए राज्यों को सहायता उपलब्ध करा रही है। लंबे संघर्ष के बाद बोडो के साथ समझौता हो गया है, नगा मामले को सुलझाने के लिए एनएससीएन के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।’’

भल्ला ने कहा कि त्रिपुरा में हिंसा अब समाप्त हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा हालात में सुधार के बाद नगालैंड, मणिपुर और असम में अब सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) आंशिक रूप से प्रभावी है, वहीं मेघालय में यह पूरी तरह समाप्त हो गया है। अरुणाचल प्रदेश में यह कुछ ही जिलों में प्रभावी है।

भाषा अर्पणा देवेंद्र

देवेंद्र


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