तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, अन्नाद्रमुक ने पोलाची मामले में अदालत के फैसले की सराहना की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, अन्नाद्रमुक ने पोलाची मामले में अदालत के फैसले की सराहना की

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Modified Date: May 13, 2025 / 04:52 PM IST
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Published Date: May 13, 2025 4:52 pm IST

चेन्नई, 13 मई (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और मुख्य विपक्षी दल ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम’ (अन्नाद्रमुक) ने पोलाची यौन उत्पीड़न और जबरन वसूली मामले में नौ लोगों को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के स्थानीय अदालत के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया।

कोयंबटूर महिला अदालत ने नौ लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई और आदेश दिया कि पीड़ित महिलाओं को 85 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी समेत दुष्ट अपराधियों द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए न्याय मिल गया है।’’

दोषी ठहराए गए नौ लोगों में अन्नाद्रमुक का एक पूर्व पदाधिकारी भी शामिल है। गिरफ्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया था।

सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में स्टालिन ने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक में जिन लोगों ने दोषियों को बचाने की कोशिश की, उन्हें शर्म आनी चाहिए।’’

फैसले की सराहना करते हुए अन्नाद्रमुक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और ई. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार ने पोलाची यौन उत्पीड़न मामले को निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था और आज उचित न्याय मिला है।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अन्नाद्रमुक ने ‘एक्स’ पर कहा कि सरकार ने अन्ना विश्वविद्यालय की उस छात्रा का विवरण लीक किया है, जिसका पिछले वर्ष विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न हुआ था।

विपक्षी पार्टी ने पूछा, ‘‘हमने छात्रा को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन स्टालिन मॉडल वाली द्रमुक सरकार ने इसका विरोध किया। द्रमुक किसे बचाने की कोशिश कर रही है।’’

अभिनेता एवं राजनीतिज्ञ और टीवीके नेता विजय ने भी फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह फैसला पीड़ितों को सांत्वना देगा, जिन्होंने साहस के साथ मामले का सामना किया और यह सुनिश्चित किया कि अपराधियों को सजा मिले।

विजय ने मांग की कि महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न या हमले के मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए त्वरित अदालतें स्थापित की जानी चाहिए और 90 दिन के भीतर फैसला सुनाया जाना चाहिए।

‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमंस एसोसिएशन’ (एआईडीडब्ल्यूए) की राज्य समिति की सदस्य एस. राजलक्ष्मी और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) की पुडुचेरी इकाई के अलावा अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी.के शशिकला ने महिला अदालत के फैसले की सराहना की।

भाषा

नोमान खारी

खारी

 

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