तमिलनाडु : कार्तिगई दीपम को तिरुवन्नमलई पहाड़ी की चोटी से मंदिर में लाया गया

तमिलनाडु : कार्तिगई दीपम को तिरुवन्नमलई पहाड़ी की चोटी से मंदिर में लाया गया

तमिलनाडु : कार्तिगई दीपम को तिरुवन्नमलई पहाड़ी की चोटी से मंदिर में लाया गया
Modified Date: December 14, 2025 / 08:13 pm IST
Published Date: December 14, 2025 8:13 pm IST

तिरुवन्नमलई, 14 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु की तिरुवन्नमलई पहाड़ी पर पवित्र ‘कार्तिगई महादीपम’ जलाने में इस्तेमाल विशाल दीये को रविवार को पहाड़ी की तलहटी में स्थित अरुणाचलेश्वर मंदिर में लाया गया।

इस दीपक को तीन दिसंबर की शाम को घी का उपयोग करते हुए एक विशेष प्रकार के सूती कपड़े (बाती का काम करता है) से प्रज्वलित किया गया था।

तब से, दीपक लगभग 11 दिनों तक जलता रहा और 2,668 फुट ऊंची पहाड़ी से उठती लौ कई किलोमीटर दूर स्थित गांवों से भी देखी जा सकती थी।

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पहले दिन जब दीपक प्रज्वलित किया गया था, तब उसे जलता रखने के लिए लगभग 600 किलोग्राम घी, 10 किलो कपूर और 1,500 मीटर कपड़े का इस्तेमाल किया गया था।

दस दिवसीय वार्षिक कार्तिकई उत्सव 24 नवंबर को मंदिर में ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ।

हर साल, ‘कार्तिगई दीपम’ उत्सव के लिए तांबे के दीपक (तमिल में कोप्पराई) को तिरुवन्नमलई पहाड़ी की चोटी पर ले जाया जाता है, जिसे भक्त भगवान शिव के अमूर्त स्वरूप के रूप में पूजते हैं।

भगवान शिव को अन्नामलैयार और अरुणाचला के नाम से भी पूजा जाता है। एक भक्त ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “अरुणाचल की चोटी से 11 दिनों तक आकाश को रोशन करने के बाद कार्तिगई महादीपम शांति और गरिमा के साथ ठंडा होता है।”

दिये में जमा हुए काजल को बाद में भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने की परंपरा है।

भाषा जितेंद्र धीरज

धीरज


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