तमिलनाडु ‘दो-भाषा’ नीति का पालन करेगा : उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु ‘दो-भाषा’ नीति का पालन करेगा : उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु ‘दो-भाषा’ नीति का पालन करेगा : उदयनिधि स्टालिन
Modified Date: February 21, 2025 / 03:39 pm IST
Published Date: February 21, 2025 3:39 pm IST

चेन्नई, 20 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से संबंधित विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर हमला करने को लेकर उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर पलटवार किया और कहा कि राज्य केवल ‘दो-भाषा’ नीति का पालन करेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र से केवल अपने द्वारा दिए गए करों में से अपना उचित हिस्सा मांग रहा है।

उदयनिधि ने कहा, ‘‘हम अपना हिस्सा, करीब 2150 करोड़ रुपये मांग रहे हैं। वे (केंद्र) चाहते हैं कि हम एनईपी और ‘तीन भाषा’ नीति को स्वीकार करें। तमिलनाडु हमेशा से तीन भाषा नीति का विरोध करता रहा है, इसलिए इसमें राजनीति करने की क्या बात है।’’

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द्रमुक नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिक्षा तमिलों का अधिकार है, कृपया समझें कि राजनीति कौन कर रहा है।’’

इससे पहले दिन में, प्रधान ने एनईपी के कार्यान्वयन पर जारी विवाद को लेकर स्टालिन पर हमला किया और उन पर ‘‘राजनीतिक विमर्श बनाए रखने के लिए प्रगतिशील सुधारों को खतरे में डालने’’ का आरोप लगाया।

स्टालिन को लिखे पत्र में प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर युवा शिक्षार्थियों के हितों के बारे में सोचना चाहिए, जिन्हें नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से लाभ होगा।

शिक्षा मंत्री स्टालिन द्वारा बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब दे रहे थे।

अपने पत्र में स्टालिन ने कहा कि दो केंद्र प्रायोजित पहलों- समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) और पीएम श्री स्कूल- को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के साथ जोड़ना मौलिक रूप से अस्वीकार्य है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में प्रधान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र मोदी सरकार द्वारा प्रोत्साहित सहकारी संघवाद की भावना के बिल्कुल विपरीत है। इसलिए, राज्य के लिए एनईपी 2020 को अदूरदर्शी दृष्टि से देखना और अपने राजनीतिक विमर्श को बनाए रखने के लिए प्रगतिशील शैक्षिक सुधारों को खतरे में डालना अनुचित है।’’

तमिलनाडु और केंद्र सरकार राज्य में एनईपी के कार्यान्वयन को लेकर आमने-सामने हैं। द्रमुक सरकार ने शिक्षा मंत्रालय पर महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाया है।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप


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