तमिलनाडु के वकील ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की

तमिलनाडु के वकील ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की

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  • Publish Date - May 20, 2025 / 10:24 PM IST,
    Updated On - May 20, 2025 / 10:24 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) चेन्नई के एक वकील ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जारी सुनवाई में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

वकील एच मोहम्मद इस्माइल ने अपनी हस्तक्षेप याचिका में इस कानून का समर्थन किया।

इस्माइल की याचिका में वक्फ संपत्तियों के सामाजिक-आर्थिक और धर्मनिरपेक्ष महत्व को रेखांकित किया गया है तथा उनके बेहतर प्रबंधन के लिए कानूनी और प्रशासनिक सुधारों की अपील की गई है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि पवित्र कुरान और हदीस में जिस तरह से वक्फ की अवधारणा की गई है, वह स्वाभाविक रूप से धर्मनिरपेक्ष है और धार्मिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं है।

याचिका में कहा गया, ‘‘1400 से अधिक वर्षों से वक्फ ने धार्मिक और परमार्थ उद्देश्यों के लिए एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में काम किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानवता का कल्याण है।’’

याचिका में 2006 में संसद में पेश सच्चर समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए याचिका में वक्फ संपत्तियों के बहुत ही कम उपयोग को प्रमुखता से उठाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, उस समय वक्फ संपत्तियों का बाजार मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, फिर भी उनसे सालाना मात्र 163 करोड़ रुपये की आय हुई, जो मात्र 2.7 प्रतिशत लाभ था।

वकील ने कहा कि कुशल प्रबंधन के साथ लाभ कम से कम 10 प्रतिशत तक पहुंच सकता था, जिससे सालाना लगभग 12,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती थी।

भाषा

राजकुमार नेत्रपाल

नेत्रपाल