अब केवल 10 साल ही नौकरी करेंगे टीचर, राष्ट्रपति ने नए शिक्षक भर्ती नियमों को दी मंजूरी? जानिए इस वायरल दावे की हकीकत
अब केवल 10 साल ही नौकरी करेंगे टीचर, नए नियमों को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी? Teachers will work for only 10 years now, President gives nod!
Teachers will work for only 10 years
नई दिल्लीः Teachers will work for only 10 years सोशल मीडिया में हर दिन कई तरह के मैसेज वायरल होते रहते है। इनमें से कुछ मैसेज फर्जी भी होते है, जिन पर विश्वास करना घातक साबित हो सकता है। ऐसा ही एक मैसेज इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि अब देश में शिक्षकों की भर्ती अग्निवीरों की तरह की जाएगी। जिस तरह से सेना में चार साल की नियुक्ति का पैमाना रखा गया है, उसी तरह अब शिक्षकों की दस साल की नौकरी होगी। इस नियमावली को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है।
Teachers will work for only 10 years वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि शिक्षक भर्ती नई नियमावली को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब देश में Agniveer की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षक की नौकरी अब केवल 10 साल की होगी। इस तरह से 4 गुना शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी। सभी बीएड वालों के लिए सुनहरा मौका है। पोस्ट के वायरल होने के बाद सरकार की तरफ से पीआईबी ने इसका फैक्ट चेक किया। पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है और केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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संदिग्ध मैसेज फॉरवर्ड न करें
पीआईबी ने लोगों से इस तरह के किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड नहीं करने की सलाह दी है, जो या तो लुभावने ऑफर दे रहा हो या फिर किसी ऐसी जानकारी को साझा कर रहा हो, जिसे मानना आसान नहीं हो। हमेशा ऐसे मैसेज को फॉरवर्ड करने के पहले उसकी सच्चाई जान लें। यदि आपको कोई सोशल मीडिया पोस्ट या मैसेज संदिग्ध लग रहा हो, तो आप इसे पीआईबी के पास फैक्ट चेक के लिए भेज सकते हैं। इसके लिए आपको इसके नंबर 8799711259 पर या मेल आईडी socialmedia@pib.gov.in पर जानकारी भेजनी होगी।
दावा
▪️ शिक्षक भर्ती नई नियमावली को राष्ट्रपति की मंजूरी
▪️ #Agniveer की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती
▪️ 10 साल होगी शिक्षक की नौकरीतथ्य
✅ ये सभी दावे फर्जी हैं
✅ ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया हैसंदिग्ध जानकारी #PIBFactCheck को भेजें
📲8799711259
📩socialmedia@pib.gov.in pic.twitter.com/Szz3fhcDd7— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2022

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