हैदराबाद, 22 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एन. रामचंद्र राव ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तावित नफरती भाषण विरोधी विधेयक का विरोध करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणियां कांग्रेस के नेता ही करते हैं, जिनमें ‘‘हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियां’’ भी शामिल हैं।
रामचंद्र राव ने आरोप लगाया कि यह विधेयक केवल भाजपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने और राज्य में भाजपा को दबाने के लिए लाया जा रहा है।
उन्होंने हाल में जुबली हिल्स उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी द्वारा की गई ‘‘कांग्रेस का मतलब मुसलमान और मुसलमान का मतलब कांग्रेस’’ संबंधी टिप्पणी का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या इस तरह की टिप्पणियां घृणा फैलाने वाले भाषण की श्रेणी में नहीं आतीं।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार घृणा फैलाने वाले भाषण के खिलाफ विधेयक लाने की कोशिश कर रही है। यह कर्नाटक में लाए गए विधेयक जैसा ही है। कांग्रेस शासित कर्नाटक के घृणा भाषण रोधी विधेयक का मसौदा दर्शाता है कि यह विधेयक केवल भाजपा के कार्यकर्ताओं को परेशान करने और पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है।’’
राव ने कहा कि भाजपा घृणा फैलाने वाले भाषण के खिलाफ कानून बनाने के कांग्रेस सरकार के हर कदम का विरोध करती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ टिप्पणियां करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (कांग्रेस) घृणा भाषण विरोधी विधेयक केवल भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने और उन पर हमला करने के लिए ला रहे हैं। भाजपा को दबाने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है।’’
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 20 दिसंबर को कहा था कि राज्य सरकार घृणा फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ जल्द ही कानून बनाएगी।
भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव के पिछले दो वर्षों से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने के बाद रविवार को एक बैठक में हिस्सा लेने और संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की इन गतिविधियों से तेलंगाना की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ओटीपी की तरह है। ‘वन टाइम पासवर्ड’ (एक बार आने वाला पासवर्ड) आता है और लोग उसे भूल जाते हैं। कुछ समय बाद फिर एक और ओटीपी आ जाता है। लोग बीआरएस को भूल चुके हैं। लोगों को याद है कि बीआरएस भ्रष्टाचार में किस तरह शामिल रही है।’’
भाषा सिम्मी वैभव
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