नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति, राष्ट्रीय लेखा और औद्योगिक उत्पादन से जुड़े प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों की नई शृंखला अगले वर्ष जारी करेगा, जिसमें आधार वर्ष बदला गया होगा।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि वह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति और राष्ट्रीय लेखा से संबंधित नई शृंखला को फरवरी, 2026 में जारी करेगा जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की नई शृंखला मई, 2026 में जारी की जाएगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार वर्ष में बदलाव को लेकर मंगलवार को एक परामर्श कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके पहले मुंबई में 26 नवंबर को पहली कार्यशाला आयोजित की गई थी।
मंत्रालय ने बताया कि खुदरा मुद्रास्फीति की नई शृंखला का आधार वर्ष 2024 होगा और इसे 12 फरवरी, 2026 को जारी किया जाएगा।
वहीं, राष्ट्रीय लेखा से जुड़े आंकड़े वित्त वर्ष 2022-23 को आधार वर्ष मानते हुए 27 फरवरी, 2026 को जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा, आईआईपी की नई शृंखला का आधार वर्ष भी 2022-23 होगा जिसे 28 मई, 2026 को जारी किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष में बदलाव पर होने वाली परामर्श कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जीडीपी, सीपीआई और आईआईपी के आधार वर्ष संशोधन के तहत प्रस्तावित पद्धतिगत और संरचनात्मक बदलावों को साझा करना और प्रतिभागियों से सुझाव एवं टिप्पणियां प्राप्त करना है। इससे उपयोगकर्ताओं को संशोधित शृंखला में होने वाले बदलावों को समझने में मदद मिलेगी।
कार्यशाला में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों, मामले के जानकार, प्रमुख सांख्यिकीय आंकड़ों के उपयोगकर्ताओं और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी होगी।
इस कार्यशाला में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन, मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और केंद्रीय सांख्यिकी महानिदेशक एन. के. संतोषी भी उपस्थित रहेंगे।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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