हैदराबाद, 12 मार्च (भाषा) तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और पूर्व लोकपाल न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष राज्य में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कालेश्वरम परियोजना में हुईं कथित अनियमितताओं की न्यायिक जांच का नेतृत्व करेंगे।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि जांच की अवधि 100 दिन होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल. नरसिंह रेड्डी भद्राद्री और यदाद्री बिजली परियोजनाओं के संबंध में कथित अनियमितताओं की जांच का नेतृत्व करेंगे।
इस बीच, कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मुदिराज, यादव कुर्मा, मुन्नुरुकापु, पद्मासाली, गंगापुत्र और लिंगायत बलिजा समेत विभिन्न सामाजिक समूहों के कल्याण के लिए 16 निगम स्थापित करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने अन्य जातियों के बीच आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के कल्याण के सिलसिले में रेड्डी, वैश्य और अन्य जातियों के लिए निगम स्थापित करने का भी निर्णय लिया।
भाषा जोहेब अमित
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