तेलंगाना एमएलसी चुनाव : टीआरएस, भाजपा में कांटे की टक्कर

तेलंगाना एमएलसी चुनाव : टीआरएस, भाजपा में कांटे की टक्कर

तेलंगाना एमएलसी चुनाव : टीआरएस, भाजपा में कांटे की टक्कर
Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 pm IST
Published Date: March 4, 2021 1:39 pm IST

हैदराबाद, चार मार्च (भाषा) दुब्बाक विधानसभा सीट से उपचुनाव और पिछले साल हुए स्थानीय निकाय चुनाव में हार का सदमा झेल रही सत्तारूढ़ टीआरएस तेलंगाना विधान परिषद की दो सीटों के लिए 14 मार्च को होने वाले चुनाव में भाजपा को हराने का हर संभव प्रयार कर रही है।

हैदराबाद-रंगारेड्डी-महबूबनगर और खम्माम-नलगोंडा-वारंगल स्नातक सीटों पर चुनाव जीतने के लक्ष्य से दोनों पार्टियां रोजगार के अवसरों और विकास के अन्य मुद्दों को लेकर वाक्युद्ध में उलझी हुई हैं।

भाजपा ने ना सिर्फ दुब्बाक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की बल्कि ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव में भी बेहतर परिणाम हासिल किया। गौरतलब है कि स्थानीय निकाय चुनाव के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार किया था।

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टीआरएस 55 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। वहीं भाजपा को 48, एआईएमआईएम को 44 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं।

सत्तारूढ़ टीआरएस अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए एमएलसी की दोनों सीटें जीतने की पूरजोर कोशिश में है।

सबको आश्चर्य में डालते हुए टीआरएस ने हैदराबाद-रंगारेड्डी-महबूबनगर स्नातक सीट से पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत पी. वी. नरसिंह राव की बेटी एस. वाणी देवी को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला इस सीट से भाजपा के निर्वमान एमएलसी रामचन्द्र राव से होगा।

वहीं टीआरएस ने अपने मौजूदा एमएलसी पल्ला राजेश्वर रेड्डी को खम्माम-नलगोंडा-वारंगल सीट उम्मीदवार बनाया है।

हैदराबाद-रंगारेड्डी-महबूबनगर सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि वहां से तेदेपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एल. रमणा और पूर्व एमएलसी, पत्रकारिता के प्रोफेसर और प्रतिष्ठित राजनीति विश्लेषक के़ नागेश्वर भी चुनाव मैदान में हैं।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश


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