तेलंगाना सुरंग हादसा: कीचड़ और पानी बहने से बचावकर्मियों की भी जान खतरे में : रेड्डी

तेलंगाना सुरंग हादसा: कीचड़ और पानी बहने से बचावकर्मियों की भी जान खतरे में : रेड्डी

तेलंगाना सुरंग हादसा: कीचड़ और पानी बहने से बचावकर्मियों की भी जान खतरे में : रेड्डी
Modified Date: February 25, 2025 / 06:29 pm IST
Published Date: February 25, 2025 6:29 pm IST

नागरकुरनूल (तेलंगाना), 25 फरवरी (भाषा) तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि ‘श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी)’ सुरंग के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढह जाने के बाद उसमें फंसे लोगों को बचाने में लगे दलों का जीवन भी कीचड़ और पानी के निरंतर प्रवाह के कारण खतरे में पड़ सकता है।

रेड्डी ने मीडियाकर्मियों के सामने विशेषज्ञों का हवाला दिया जिन्होंने कहा है कि यह बचाव अभियान दुनिया में या कम से कम भारत में सबसे जटिल और कठिन है क्योंकि सुरंग में प्रवेश/निकास का केवल एक ही रास्ता है।

मंत्री ने कहा कि मामूली बदलाव और कुछ भूगर्भीय भ्रंश रेखाओं के कारण निर्माणाधीन खंड आंशिक रूप से ढह गया होगा।

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उन्होंने कहा,‘‘एक समस्या है। सुरंग में बहुत तेज़ गति से पानी का रिसाव जारी है और कीचड़ बह रहा है। इसलिए कुछ विशेषज्ञों ने राय व्यक्त की है कि बचाव कार्य में लगे लोगों की जान भी ख़तरे में पड़ सकती है। चूंकि हम एक ज़िम्मेदार सरकार हैं, इसलिए हम सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं और हम इस पर अंतिम फ़ैसला करेंगे (इस बारे में कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए।’’

मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना, नौसेना की ‘मरीन कमांडो फोर्स’, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जीएसआई, ‘रैट माइनर्स’ और ‘सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड’ जैसी 10 एजेंसियों के विशेषज्ञ आठ लोगों की जान बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) द्वारा मुख्यमंत्री की आलोचना किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तम रेड्डी ने इसे ‘घृणित राजनीति’ करार दिया।

बीआरएस ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी 36 बार दिल्ली आ चुके हैं लेकिन इस घटना के 72 घंटे बाद भी उनके पास एसएलबीसी सुरंग में फंसे लोगों से मिलने का समय नहीं है।

निरंतर प्रयास के बाद भी बचाव अभियान में अबतक कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मिली है क्योंकि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने के बाद सुरंग में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश में मिट्टी के टीले, लोहे के ढांचे और सीमेंट के ब्लॉक लगातार बाधा पहुंचा रहे हैं।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश


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