तेलंगाना: दो माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया

तेलंगाना: दो माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया

तेलंगाना: दो माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया
Modified Date: August 21, 2025 / 03:11 pm IST
Published Date: August 21, 2025 3:11 pm IST

हैदराबाद, 21 अगस्त (भाषा) प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दो शीर्ष भूमिगत नेताओं ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

इनमें से एक प्रतिबंधित संगठन में 40 वर्षों का अनुभव रखने वाली महिला है।

भाकपा (माओवादी) स्टेट कमेटी और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की शीर्ष सदस्य रही काकराला सुनीता उर्फ ​​बद्री और तेलंगाना स्टेट कमेटी के क्षेत्रीय समिति सदस्य चेन्नुरी हरीश उर्फ ​​रमन्ना, राचकोंडा के पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू की उपस्थिति में मुख्यधारा में शामिल हो गए।

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पुलिस की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों ने तेलंगाना सरकार और पुलिस द्वारा चलाए गए कल्याणकारी उपायों से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटने तथा अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का फैसला किया।

हैदराबाद के वनस्थलीपुरम की 62 वर्षीय सुनीता 1985 में राजमुंदरी में अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (आरएसयू) की ओर आकर्षित हुईं। जनवरी 1986 में वह भाकपा (माले) पीपुल्स वॉर में शामिल हो गईं और भूमिगत हो गईं।

पुलिस ने बताया कि सुनीता और उनके पति टीएलएन चलम जून 2025 में अन्नापुरम राष्ट्रीय उद्यान मुठभेड़ में शामिल थे, जिसमें सुनीता के पति की मौत हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि तेलंगाना के भूपलपल्ली जिले के हरीश (35) 2006 में 10वीं कक्षा में पढ़ते समय माओवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुए और दिसंबर 2022 और जून 2025 में मुठभेड़ों में शामिल रहे।

पुलिस ने तेलंगाना में बचे हुए माओवादियों से अपने गांवों में लौटने और राज्य के विकास में योगदान देने का आग्रह किया और उन्हें मुख्यधारा में लौटकर स्वतंत्र जीवन जीने में मदद के लिए सरकारी सहायता का आश्वासन दिया है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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