प्रादेशिक सेना ने उच्च न्यायालय से कहा- अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं

प्रादेशिक सेना ने उच्च न्यायालय से कहा- अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं

प्रादेशिक सेना ने उच्च न्यायालय से कहा- अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं
Modified Date: June 19, 2025 / 04:48 pm IST
Published Date: June 19, 2025 4:48 pm IST

नैनीताल, 19 जून (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय को अवगत कराया गया है कि यद्यपि 27 इंफैंट्री बटालियन, ईको, गढ़वाल राइफल्स पर्यावरण और जल संरक्षण के पक्ष में है, लेकिन उसके पास गंगा नदी के लिए खतरा पैदा कर रही अवैध खनन गतिविधियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है ।

यह स्पष्टीकरण बटालियन के विधिक प्रकोष्ठ द्वारा न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के सामने बुधवार को दिया गया। यह बटालियन, प्रादेशिक सेना की एक इकाई है।

खंडपीठ गंगा में रायवाला और भोगपुर के बीच अवैध खनन के खिलाफ दायर की गयी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गंगा में किया जा रहा अनियंत्रित अवैध खनन नदी के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

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पिछली सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने बटालियन से पूछा था कि क्या वह क्षेत्र में किए जा रहे अवैध खनन पर रोक लगाने में मदद कर सकती है।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल हुए सेना के गढ़वाल क्षेत्र के विधि प्रकोष्ठ के कैप्टन राघव ने तब कहा था कि वह इस बारे में अदालत को बाद में बताएंगे।

हालांकि, बुधवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि 27 इंफैंट्री बटालियन, ईको, गढ़वाल राइफल्स सक्रिय रूप से पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रयासों के समर्थन में हैं लेकिन अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

बटालियन के एक वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में 23 जून को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान अदालत को विस्तार से जानकारी देने के लिए औपचारिक रूप से प्रस्तुति देंगे।

पर्यावरण संरक्षण के कार्य में लगे ‘मातृसदन आश्रम’ तथा अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है नियमों का उल्लंघन करके अनियंत्रित रूप से गंगा नदी में अवैध खनन किया जा रहा है जिससे नदी के अस्तिस्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है ।

याचिकाकर्ताओं ने ऐसी अवैध खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की अदालत से प्रार्थना की है ।

उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए केंद्र ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन बोर्ड गठित किया है । हालांकि, गंगा मिशन द्वारा राज्य सरकार को क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद वहां खनन गतिविधियां जारी हैं ।

भाषा सं दीप्ति नोमान

नोमान


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