नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद को संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के वास्ते 24 जुलाई से चार अगस्त तक के लिए अभिरक्षा पैरोल पर रिहा कर दिया।
वर्ष 2017 के आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद रशीद वर्ष 2019 से तिहाड़ जेल में कैद हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने अभिरक्षा पैरोल मंजूर की। फिलहाल विस्तृत आदेश का इंतजार है। बारामूला के सांसद ने संसद सदस्य के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए अंतरिम जमानत या अभिरक्षा पैरोल पर रिहा करने का अनुरोध किया है।
अभिरक्षा पैरोल के तहत कैदी को सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में पैरोल पर रिहा किया जाता है। रशीद के वकील ने पहले दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को अंतरिम जमानत देकर संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।
वकील ने आगे कहा कि वैकल्पिक रूप से रशीद को यात्रा खर्च का भुगतान किए बिना अभिरक्षा पैरोल की अनुमति दी जा सकती है।
एनआईए ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए और यात्रा खर्च का भुगतान करने के बाद ही अभिरक्षा पैरोल की अनुमति दी जा सकती है।
बारामूला के सांसद पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों का वित्त पोषण किया था। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था।
एनआईए की प्राथमिकी के अनुसार, रशीद का नाम व्यवसायी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था।
अक्टूबर 2019 में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद, एक विशेष एनआईए अदालत ने मार्च 2022 में रशीद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और 124ए (राजद्रोह) के तहत और यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्यों और आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंधित अपराधों के लिए आरोप तय किए थे।
भाषा संतोष दिलीप
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