करोल बाग अग्निकांड की जांच के लिए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अलग से याचिका दायर करने को कहा
करोल बाग अग्निकांड की जांच के लिए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अलग से याचिका दायर करने को कहा
नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह राजधानी के करोल बाग इलाके में चार जुलाई को एक स्टोर में लगी आग की घटना की अदालत की निगरानी में जांच के लिए अलग से याचिका दायर करे। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी।
यह याचिका जुलाई 2024 में ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से जुड़े मामले में दायर की गई थी। नाला उफनाने के कारण बेसमेंट में पानी भर गया था और इस घटना में यूपीएससी के तीन छात्र डूब गए थे।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने कहा कि दोनों अलग-अलग मामले हैं और याचिकाकर्ता (एक गैर सरकारी संगठन) से कहा कि अदालत के लिए इसकी निगरानी करना मुश्किल होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘ एक अलग याचिका दायर करें। कार्रवाई का कारण अलग है। कोचिंग मामले में बाढ़ आई थी। यहां आग लगी है।’’
एनजीओ कुटुंब ने आग के संबंध में अदालत का दरवाजा खटखटाया और विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधन, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर लापरवाही का आरोप लगाया।
आवेदन में सुरक्षा में गंभीर खामियों का जिक्र किया गया साथ ही इसमें अनिवार्य मानदंडों का पालन किए बिना भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में संचालित वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने पर सवाल उठाया गया है।
याचिका में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने में विफल रहने के लिए एमसीडी, अग्निशमन सेवाओं और पुलिस अधिकारियों के आचरण की जांच के लिए अदालत से निर्देश देने की भी मांग की गई।
मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके में चार जुलाई को विशाल मेगा मार्ट में आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई थी।
भाषा शोभना पवनेश
पवनेश

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