अदालत ने सीबीआई को रोहिणी के आश्रम में रहने वाली लड़कियों की उम्र का पता लगाने का निर्देश दिया
अदालत ने सीबीआई को रोहिणी के आश्रम में रहने वाली लड़कियों की उम्र का पता लगाने का निर्देश दिया
नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई को फरार स्वयंभू आध्यात्मिक उपदेशक वीरेंद्र देव दीक्षित द्वारा संचालित आश्रम में रहने वाली लड़कियों की आयु की पुष्टि करने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके स्थित आश्रम में कई महिलाओं और लड़कियों को कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया है।
अदालत का यह निर्देश तब आया जब न्यायमित्र ने संदेह जताया कि रोहिणी स्थित ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आश्रम’ में रहने वाले कुछ लोग नाबालिग हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘सीबीआई को आश्रम में रहने वालों की उम्र की पुष्टि करने और एक नयी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।’’
अदालत ने कहा कि न्यायमित्र ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में आश्रम के वित्तीय स्रोतों के बारे में भी संदेह जताया है।
आश्रम का निरीक्षण उच्च न्यायालय के पहले के आदेश के अनुसरण में किया गया था।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के लिए तय की।
अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक महिला की मां द्वारा दायर याचिका भी शामिल थी, जिसके बारे में कहा गया है कि वह कुछ लोगों के प्रभाव में आश्रम में रह रही है। दूसरी याचिका एक बुजुर्ग दंपति द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी ‘‘उच्च शिक्षित बेटी’’ को गुमराह करके आश्रम में रहने के लिए मजबूर किया गया है।
अदालत ने दीक्षित के खिलाफ बलात्कार के गंभीर आरोपों के मद्देनजर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
सीबीआई के वकील ने कहा था कि दीक्षित के खिलाफ कथित बलात्कार के लिए दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और उसे पकड़ने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
भाषा शफीक माधव
माधव

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