नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया था कि खेल संस्था के आगामी चुनावों में केवल उसकी संबद्ध राज्य इकाइयों के निर्वाचित सदस्य ही अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे।
‘दिल्ली एमेच्योर मुक्केबाजी संघ’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने आदेश दिया, ‘‘बीएफआई द्वारा सात मार्च को जारी परिपत्र के क्रियान्वयन पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई जाती है।’’
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को हाल ही में महासंघ की चुनाव प्रक्रिया के लिए ‘‘अयोग्य’’ घोषित किया गया था, क्योंकि उनका नामांकन सात मार्च के परिपत्र का उल्लंघन करता है।
नतीजतन, उनका नाम निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमोदित अंतिम सूची में शामिल नहीं किया गया। निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमोदित निर्वाचक मंडल की अंतिम सूची में ‘दिल्ली एमेच्योर मुक्केबाजी संघ’ द्वारा भेजे गए दो नाम – रोहित जैनेंद्र जैन और नीरज कांत भट्ट भी शामिल नहीं थे।
अदालत ने स्पष्ट किया कि चुनाव की प्रक्रिया परिणामों की घोषणा के साथ जारी रहनी चाहिए, लेकिन यह याचिका के परिणाम के अधीन होगी।
अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया और केंद्र तथा भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त के लिए तय की।
सभी संबद्ध राज्य संघों को भेजे गए सात मार्च के नोटिस में कहा गया है कि बीएफआई से संबद्ध राज्य इकाइयों की वार्षिक आम बैठक के दौरान केवल विधिवत निर्वाचित सदस्यों को ही अपने-अपने राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए।
भाषा शफीक नेत्रपाल
नेत्रपाल
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