न्यायालय वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए समय बढ़ाने की याचिकाओं पर एक दिसंबर को सुनवाई करेगा

न्यायालय वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए समय बढ़ाने की याचिकाओं पर एक दिसंबर को सुनवाई करेगा

न्यायालय वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए समय बढ़ाने की याचिकाओं पर एक दिसंबर को सुनवाई करेगा
Modified Date: November 28, 2025 / 08:50 pm IST
Published Date: November 28, 2025 8:50 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की याचिका सहित उन विभिन्न याचिकाओं पर एक दिसंबर को सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया, जिनमें ‘‘उपयोग के आधार पर वक्फ’’ सहित सभी वक्फ संपत्तियों के ‘उम्मीद’ पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील फुजैल अहमद अय्यूबी की इस दलील पर गौर किया कि इन याचिकाओं को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है।

पीठ ने इन आवेदनों को 1 दिसंबर 2025 के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के अलावा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य लोगों ने सभी वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है।

इससे पहले, एक वकील ने कहा कि वक्फ के अनिवार्य पंजीकरण की छह महीने की अवधि समाप्त होने वाली है।

शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को एक अंतरिम आदेश में, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगा दी, जिसमें यह प्रावधान भी शामिल था कि केवल पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले लोग ही वक्फ बना सकते हैं। हालांकि, शीर्ष अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और इसके पक्ष में संवैधानिकता की पूर्वधारणा को रेखांकित किया।

न्यायालय ने यह भी कहा था कि हालिया संशोधित कानून में ‘‘उपयोग के आधार पर वक्फ’’ प्रावधान को हटाने का केंद्र का आदेश प्रथम दृष्टया मनमाना नहीं था और यह तर्क कि वक्फ की ज़मीन सरकार हड़प लेगी, ‘‘अमान्य’’ है।

‘‘उपयोग के आधार पर वक्फ’’ से तात्पर्य ऐसी परंपरा से है, जिसमें किसी संपत्ति को धार्मिक या धर्मार्थ संपदा (वक्फ) के रूप में मान्यता दी जाती है।

केंद्र ने सभी वक्फ संपत्तियों की ‘जियो-टैगिंग’ के बाद एक डिजिटल सूची तैयार करने के लिए 6 जून को एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (उम्मीद) अधिनियम केंद्रीय पोर्टल शुरू किया था।

इस पर, देश भर में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाना है।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश


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