किसानों व पशुपालकों की उन्नति से ग्रामोदय का सपना साकार होगा: राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा
किसानों व पशुपालकों की उन्नति से ग्रामोदय का सपना साकार होगा: राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा
जयपुर, चार फरवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को कहा कि गरीब, किसान व पशुपालकों को मजबूती देकर ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और चौधरी चरण सिंह के ग्रामोदय के स्वप्न को साकार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का ध्यान गांवों के बुनियादी ढांचे के विकास, किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने पर है।
शर्मा मंगलवार को सरपंच संघ राजस्थान द्वारा आयोजित पंचायती राज सशक्तीकरण एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरपंचों के हाथों में गांवों के विकास की बागडोर होती है और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के उद्धार में सरपंच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है।
शर्मा ने कहा कि अगर उनकी इच्छाशक्ति मजबूत हो, दूरदृष्टि हो और लोगों का साथ हो तो गांवों का कायाकल्प किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि के रूप में सरपंचों के पास लोगों की सेवा का अवसर होता है और इसी सेवाभाव के साथ राजस्थान के प्रतिभाशाली व समर्पित सरपंच अपने गांवों को विकास की राह पर ले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सरपंच के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि आप लोगों को देखकर मेरा हृदय आज उसी भाव से भर उठा है, जब मैं स्वंय सरपंच था।
उन्होंने कहा कि मैं गांव की मिट्टी में ही पला-बढ़ा हूं और उसी मिट्टी की सोंधी खुशबू और चुनौतियों के बीच जिया हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “हमने राज्य बजट में बिना भेदभाव के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के गांवों के लिए बजट का प्रावधान किया। पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में एक अप्रैल, 2024 से 10 प्रतिशत वृद्धि की गई।”
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 371 ग्राम पंचायत भवनों का कार्य पूर्ण करवाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों और पशुपालकों के लिए प्राथमिकता के साथ योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों का निर्माण कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराना हमारी सरकार का लक्ष्य है, जिसके लिए ‘पीएम-कुसुम’ योजना को तेजी से लागू किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में किसानों के पहचान पत्र बनाने के लिए पांच फरवरी से सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तीन दिवसीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पंजीकरण करवाकर डिजिटल पहचान पत्र के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी कृषि योजनाओं का लाभ बिना किसी रूकावट के प्राप्त हो सकेगा।
भाषा पृथ्वी कुंज जितेंद्र
जितेंद्र

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