Maha Kumbh 2025 Concluded: महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ संपन्न हुआ ऐतिहासिक महाकुम्भ 2025.. 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे प्रयागराज

महाकुंभ-2025 का समापन विश्व इतिहास में एक नई उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया। इस महापर्व ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और अध्यात्मिक समृद्धि को प्रदर्शित किया।

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  • Publish Date - February 26, 2025 / 09:28 PM IST,
    Updated On - February 26, 2025 / 09:28 PM IST

The historic Prayagraj Maha Kumbh 2025 concluded with the last bath || Image- Mahakumbh Instagram 2025

HIGHLIGHTS
  • महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक समापन: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
  • महाकुंभ-2025 के अंतिम शाही स्नान पर उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं पर हुई पुष्प वर्षा
  • योगी आदित्यनाथ का संदेश: महाकुंभ 2025 बना समरसता, आस्था और एकता का ऐतिहासिक पर्व

The historic Prayagraj Maha Kumbh 2025 concluded with the last bath : प्रयागराज: आस्था और एकता का महापर्व ‘महाकुंभ-2025’ बुधवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम स्नान के साथ संपन्न हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट किया, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित मानवता का महायज्ञ, आस्था, एकता और समानता का महापर्व महाकुंभ-2025, प्रयागराज, आज महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है।”

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66 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा से प्रारंभ हुए महाकुंभ-2025 में 26 फरवरी, महाशिवरात्रि तक 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। उन्होंने इसे विश्व इतिहास में अभूतपूर्व और अविस्मरणीय क्षण बताया। उन्होंने पूज्य अखाड़ों, संतों, महामंडलेश्वरों और धर्मगुरुओं के आशीर्वाद को इस समरसता भरे कुंभ के दिव्यता और भव्यता का आधार बताया।

The historic Prayagraj Maha Kumbh 2025 concluded with the last bath : मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देश-विदेश से आए सभी श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और आयोजन से जुड़े सभी विभागों, स्वयंसेवी संगठनों, नाविकों, सफाई कर्मियों, गंगा दूतों और महाकुंभ प्रशासन को हार्दिक बधाई एवं आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रयागराज की जनता का भी विशेष धन्यवाद किया, जिनके धैर्य और आतिथ्य ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।

महाशिवरात्रि पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

महाकुंभ 2025 के अंतिम दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु रात से ही संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित होने लगे थे। इस दौरान एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी ने बताया, “कोई भी इस अवसर को चूकना नहीं चाहता। प्रयागराज के लोग भी बड़ी संख्या में अंतिम स्नान में शामिल हो रहे हैं। हमारी व्यवस्थाओं के कारण लोगों का आना-जाना सुचारू रूप से चल रहा है। अब तक 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर लिया है।”

महाशिवरात्रि को भगवान शिव की रात के रूप में जाना जाता है और इसे भारत सहित अन्य हिंदू बहुल देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन चंद्र-सौर पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की 13वीं रात या 14वें दिन पड़ता है। इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और श्रद्धालु पूरे दिन उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।

महाकुंभ का कार्यक्रम

The historic Prayagraj Maha Kumbh 2025 concluded with the last bath : 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पहले ‘अमृत स्नान’ के साथ महाकुंभ-2025 की शुरुआत हुई थी। इसके बाद विभिन्न महत्वपूर्ण तिथियों पर स्नान संपन्न हुए:

  • 14 जनवरी – मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी – मौनी अमावस्या
  • 3 फरवरी – बसंत पंचमी
  • 12 फरवरी – माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी – महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)

अंतिम ‘शाही स्नान’ के अवसर पर श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा। महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रयागराज प्रशासन और सुरक्षा बलों ने दिन-रात मेहनत की, जिससे पूरा आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।

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महाकुंभ-2025 का समापन विश्व इतिहास में एक नई उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया। इस महापर्व ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और अध्यात्मिक समृद्धि को प्रदर्शित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मां गंगा और भगवान बेनी माधव आप सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें।”

महाकुंभ 2025 कब और कहां आयोजित हुआ?

महाकुंभ 2025 प्रयागराज में 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) से 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक आयोजित हुआ।

महाकुंभ 2025 में कितने श्रद्धालुओं ने स्नान किया?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, इस महाकुंभ में 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान किया।

महाकुंभ में मुख्य स्नान तिथियां कौन-कौन सी थीं?

प्रमुख स्नान तिथियां इस प्रकार थीं: 13 जनवरी – पौष पूर्णिमा 14 जनवरी – मकर संक्रांति 29 जनवरी – मौनी अमावस्या 3 फरवरी – बसंत पंचमी 12 फरवरी – माघी पूर्णिमा 26 फरवरी – महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)

महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है?

महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में स्नान से मोक्ष प्राप्ति का विश्वास किया जाता है।

महाकुंभ 2025 के आयोजन में कौन-कौन से विभाग शामिल थे?

इस आयोजन में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, सफाई कर्मी, गंगा दूत, स्वयंसेवी संगठन और महाकुंभ प्रशासन समेत कई विभागों ने भाग लिया।