Ram Vilas Vedanti Passes Away: अयोध्या पहुंचा पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार, सीएम योगी होंगे शामिल

Ram Vilas Vedanti Passes Away: अयोध्या पहुंचा पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार, सीएम योगी होंगे शामिल

Ram Vilas Vedanti Passes Away: अयोध्या पहुंचा पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार, सीएम योगी होंगे शामिल

Ram Vilas Vedanti Passes Away

Modified Date: December 15, 2025 / 11:35 pm IST
Published Date: December 15, 2025 11:35 pm IST

अपूर्व पाठक/अयोध्या: Ram Vilas Vedanti Passes Away राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का आज निधन हो गया। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा जनपद में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। संत समाज, राजनीतिक जगत और रामभक्तों में गहरा दुख व्याप्त है।

Ram Vilas Vedanti Passes Away मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. रामविलास दास वेदांती मध्य प्रदेश के रीवा जिले में प्रवास पर थे। इसी दौरान कल अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के लगातार प्रयासों के बावजूद इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया।

कल सुबह होगा अंतिम संस्कार

जिसके बाद अब उनका पार्थिव शरीर को अयोध्या लगाया गया। जिसके बाद श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में अधिकारी भी मौजूद रहे। कल सुबह 10:00 बजे डॉक्टर रामविलास दास वेदांती के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे, सुबह 10:00 बजे मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचेंगे।

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डॉ. रामविलास दास वेदांती 1990 में राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में गिने जाते थे और 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के मुख्य आरोपी के रूप में भी थे। जब अयोध्या का आंदोलन अपने चरम पर था, तब देशभर के साधु-संतों के साथ वे आंदोलन की अग्रिम पंक्ति में रहे। 1992 में विवादित ढांचे के ध्वंस से पूर्व राम जन्मभूमि परिसर में कारसेवकों द्वारा बनाए गए मंच से डॉ. वेदांती स्वयं कार सेवकों को संबोधित कर रहे थे, ऐसा माना जाता है। 1990 में राम मंदिर आंदोलन को धार देने में उनकी भूमिका अहम रही। वे एक हिंदूवादी और फायरब्रांड नेता के रूप में भी पहचाने जाते थे।

डॉ. वेदांती का जीवन संघर्षों से भरा रहा। महज 2 वर्ष की उम्र में उनकी माता का निधन हो गया था। 12 वर्ष की आयु में वे अयोध्या पहुंचे, मूल रूप से वे मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही समर्थकों और अनुयायियों में शोक की लहर फैल गई। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त किया। लोगों ने उन्हें प्रखर वक्ता, निर्भीक नेता और समर्पित रामभक्त के रूप में याद किया।

उत्तराधिकारियों द्वारा उनका पार्थिव शरीर मध्य प्रदेश से अयोध्या लाया जा रहा है। अयोध्या पहुंचने के बाद अंतिम दर्शन की व्यवस्था की जाएगी, जहां श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। अंतिम संस्कार अयोध्या में ही किए जाने की संभावना है। डॉ. रामविलास दास वेदांती का जीवन राम मंदिर आंदोलन और हिंदुत्व की विचारधारा को समर्पित रहा। उनके निधन से न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश ने एक प्रभावशाली संत नेता और आंदोलनकारी को खो दिया है। उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाता रहेगा।

महंत अभिराम दास के शिष्य थे वेदांती

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रामविलास दास वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे। वह अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे। उनका एक आश्रम वशिष्ठ भवन भी है।रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने उन्होंने कई दशक तक रामकथा की। संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे।वे रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रहे। इसके साथ ही भाजपा के टिकट से सांसद भी बने।

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