देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 14,955 हुई |

देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 14,955 हुई

देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 14,955 हुई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : May 22, 2022/10:09 am IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,226 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,31,36,371 पर पहुंच गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 14,955 रह गयी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 65 और मरीजों के संक्रमण से जान गंवाने से मृतकों की संख्या 5,24,413 पर पहुंच गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.03 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत दर्ज की गयी है।

आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 41 मामलों की कमी दर्ज की गयी है। संक्रमण की दैनिक दर 0.50 प्रतिशत दर्ज की गयी और साप्ताहिक संक्रमण दर भी 0.50 प्रतिशत रही। इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,25,97,003 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत दर्ज की गयी है। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 192.28 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है।

गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर 2020 को 90 लाख के पार चले गए थे।

देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।

मंत्रालय के अनुसार, देश में जिन 65 और मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से 63 की मौत केरल में और एक-एक मरीज की मौत दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।

भाषा

गोला वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)